मध्यप्रदेश

प्रदेश में 3.42 लाख मीट्रिक टन मत्स्योत्पादन का लक्ष्य किया गया हासिल

प्रदेश में 3.42 लाख मीट्रिक टन मत्स्योत्पादन का लक्ष्य किया गया हासिल

मछुआ दिवस पर राज्यमंत्री श्री पंवार ने मछुआरों को दी बधाई

भोपाल

प्रदेश में 10 जुलाई को मछुआ दिवस मनाया जायेगा। इस संबंध में मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नारायण सिंह पंवार ने मछुआरों को बधाई दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि प्रदेश में मछली पालन को प्रोत्साहित कर बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। पिछले वर्ष प्रदेश में 3 लाख 42 हजार मीट्रिक टन मत्स्योत्पादन का लक्ष्य हासिल किया गया। उन्होंने कहा कि मछुआरों की सहकारी समितियों से आगामी वर्ष में प्रदेश में 3 लाख 90 हजार मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन के लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।

राज्यमंत्री श्री पंवार ने अपने संदेश में कहा कि नीली क्रांति से प्रदेश में आर्थिक क्रांति लाने के ठोस प्रयास किये जा रहे है। इसके लिये अधिक से अधिक लोगों को मछली पालन के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार मछली पालन के साथ-साथ उसके प्र-संस्करण, विपणन और भंडारण क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। राज्य मंत्री श्री पंवार ने कहा कि राज्य सरकार ने मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के दायरे में लाने के लिये विशेष अभियान चालाया है। इस अभियान से उन्हें सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस सुविधा के मिलने से प्रदेश के मत्स्य पालक साहूकारों और बिचौलियों के हाथों से फँसने से बच सकें है।

मत्स्य उत्पादन संवर्धन के लिये वर्ष 2024-25 का रोडमेप तैयार

प्रदेश में मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने के लिये वर्ष 2024-25 में विभाग ने रोडमेप तैयार किया है। रोडमेप के जरिये प्रदेश में मत्स्य उत्पादन की नई संभावनाओं के लिये स्थानों को चिंन्हित किया जा रहा है। प्रकृतिक तालाबों एवं जल-संरचनाओं को मत्स्य पालन के अनुकूल बनाने के ‍लिये विभाग द्वारा ठोस प्रयास किये जा रहे है।

जिला स्तर पर होगें कार्यक्रम

प्रदेश में 10 जुलाई को जिला स्तर पर मछुआ दिवस पर आयोजन होगा। मछुआरों और मत्स्य पालकों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी जायेगी। 10 जुलाई 1957 को डॉ. हीरालाल चौधरी द्वारा सीफा भुवनेश्वर में पहली बार सफर मछली का सफलतापूर्वक प्रजनन कराया गया था। यह एक ऐसा उल्लेखनीय कार्य था, जिससे मछली पालन के क्षेत्र में एक नई क्रांति आयी। इस क्रांति को नीली क्रांति का नाम दिया गया। इस क्रांति से देश में लाखों लोगों को मछली पालन से जोड़ा गया है। इस उपलब्धि के लिये देश में हर साल 10 जुलाई को मछुआ दिवस मनाया जाता है।

 

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