Uttar Pradesh

सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत के मामले में कई स्तरों पर जांच चल रही, साजिश के एंगल पर ही पुलिस की जांच

हाथरस
हाथरस में सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत के मामले में कई स्तरों पर जांच चल रही है। रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस जांच और पूछताछ में ऐसी बातें सामने आ रही हैं जो साजिश की तरफ ही इशारा कर रही हैं। सीएम योगी ने भी हाथरस दौरे के दौरान साजिश की आशंका जताते हुए न्यायिक आयोग को जांच सौंपी है। हाथरस पुलिस के अनुसार पूछताछ में यह प्रकाश में आया है कि सेवादारों द्वारा प्रवचनकर्ता की गाड़ी को भीड़ के बीच से निकाला गया, जबकि इनको इस तथ्य की जानकारी थी कि भीड़ से गाड़ी निकालने के समय चरणरज के लिए भगदड़ मचने से भयानक दुर्घटना हो सकती थी। इसके अलावा इस तथ्य की भी गहराई से जांच की जा रही है कि यह घटना आयोजक सेवादारों द्वारा किसी के कहने या दुष्प्रेरित करने से तो नहीं कराई गई है? गिरफ्तार सेवादारों व आयोजकों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर इस बारे में पूछताछ की जाएगी।

मधुकर की गिरफ्तार के बाद मीडिया से बात करते हुए हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि मधुकर को एसओजी द्वारा शुक्रवार को देर शाम नजफगढ़ (दिल्ली) से गिरफ्तार किया गया था, जबकि सिकन्द्राराऊ पुलिस द्वारा शनिवार को अभियुक्त राम प्रकाश शाक्य को कैलोरा चौराहा से तथा अभियुक्त संजू यादव को गोपालपुर कचौरी से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि अभियुक्त मधुकर काफी दिनों से जुड़े होने के कारण संगठन का ‘फंड रेजर’ बन गया था और संगठन को संचालित करने तथा सत्संग इत्यादि कराने के लिए पैसे इकट्ठा कर रहा था। अब तक की पूछताछ से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने राजनीतिक व निजी स्वार्थ्य के लिए उससे जुड़ा हुआ है। मधुकर से जुड़े सभी बैंक खातों, उसकी चल-अचल सम्पत्ति व मनी ट्रेल इत्यादि की जांच की जा रही है जिसमें आवश्यकतानुसार अन्य एजेन्सियों से भी सहयोग लिया जाएगा।

भीड़ को संभालने का नहीं किया गया कोई प्रयास
पुलिस के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ में मधुकर ने बताया कि वह एटा जिले में वर्ष 2010 से मनरेगा में जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा पर कार्यरत है। वह इस संगठन से वर्षों से जुड़ा है और इस संगठन के कार्यक्रम आयोजित कराना तथा संगठन के लिए फंड इकट्ठा करने का काम करता है। वह दो जुलाई को ग्राम फुलरई में आयोजित सत्संग के कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था तथा इस कार्यक्रम की अनुमति उसी के द्वारा ली गई थी। मधुकर एवं अन्य सेवादारों द्वारा पुलिस प्रशासन को कार्यक्रम स्थल के अंदर किसी भी तरह के हस्तक्षेप से रोका गया। कार्यक्रम स्थल पर किसी भी व्यक्ति को वीडियोग्राफी अथवा फोटोग्राफी करने से रोका जाता था। प्रशासन द्वारा निर्गत अनुमति पत्र में वर्णित अनेक शर्तों का उल्लंघन करते हुए यातायात व्यवस्था इत्यादि को प्रभावित किया गया। पूछताछ से यह भी स्पष्ट हुआ है कि इनके द्वारा भीड़ को संभालने का कोई प्रयास नहीं किया गया तथा सभी मौके से फरार हो गए।

हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के बाद उसके राजनीतिक संपर्कों की भी जांच शुरू कर दी गई है। मधुकर की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को पुलिस ने दो अन्य अभियुक्तों राम प्रकाश शाक्य व संजू यादव को भी गिरफ्तार कर लिया। इस तरह अब तक हाथरस पुलिस ने कुल नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है।

हाथरस पुलिस के अनुसार अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला है कि कुछ समय पूर्व कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा उसने संपर्क किया गया था। यह जानकारी सामने आने के बाद आयोजन के लिए फंड इकट्ठा करने के संबंध में गहराई से जांच शुरू कर दी गई है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं इस तरह के कार्यक्रम किसी राजनीतिक पार्टी से पोषित तो नहीं हैं?

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button