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श्रीलंका के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि नहीं, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने बताया अर्थव्यवस्थात्मक दबाव

कोलंबो.

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों का इस कोई वेतन नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने आगाह किया कि उचित योजना के बिना वेतन को बढ़ाने से राष्ट्रपति और आम चुनावों से पहले सरकार कमजोर हो सकती है। एक न्यूज पोर्टल के अनुसार, 75 वर्षीय विक्रमसिंघे राष्ट्रपति पद के लिए फिर से चुनाव लड़ने की उम्मीद है।

उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर जारी तनाव को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि पिछले कार्यक्रमों में बढ़े हुए लाभ और भत्ते प्रदान करने से अतिरिक्त धन की कमी हुई है। विक्रमसिंघे ने श्रीलंका में 10,000 रुपये की वेतन वृद्धि और अश्वसुमा कार्यक्रम के तहत लागू किए गए अतिरिक्त लाभों पर प्रकाश डाला। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने राजकोषीय जिम्मेदारी की आवश्यकता पर बल दिया तथा आगाह किया कि उचित योजना के बिना वेतन में और वृद्धि करने से सरकार कमजोर हो सकती है।

वेतन वृद्धि का रास्ता साफ हो जाएगा
विक्रमसिंघे ने आगामी चुनावों से पहले राष्ट्रीय स्थिरता को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वेतन समायोजन की समीक्षा के लिए एक समिति के गठन का एलान किया। रिपोर्ट में कहा गया कि उनकी सिफारिशों को 2025 के बजट में शामिल किया जाएगा, जिससे अगले साल संभावित वेतन वृद्धि का रास्ता साफ हो जाएगा।

कई लोगों को लाभ मिलेगा
राष्ट्रपति ने कहा कि उनके प्रशासन के दृष्टिकोण से कई लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने आगामी चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व को दोहराया और कहा कि अन्य पार्टियां आर्थिक स्थिरता को प्रभावी ढंग से प्राथमिकता नहीं दे सकती हैं। बता दें, अगला राष्ट्रपति चुनाव सितंबर के मध्य और अक्तूबर के मध्य के बीच होना है।

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