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छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सेबी ने डीमैट अकाउंट की लिमिट में किया बड़ा बदलाव

नई दिल्ली
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या योजना बना रहे हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, सिक्योरिटी मार्केट में छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सेबी ने बेसिक सर्विस वाले डीमैट अकाउंट (बीएसडीए) की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक सर्कुलर में कहा कि नए दिशानिर्देश एक सितंबर से लागू होंगे।

बेसिक सर्विस वाले डीमैट अकाउंट में रखी गई सिक्योरिटीज के मूल्य की सीमा बढ़ाने से छोटे निवेशक शेयर बाजार में कारोबार के लिए प्रोत्साहित होंगे। बता दें कि छोटे पोर्टफोलियो वाले निवेशकों पर डीमैट चार्ज का बोझ कम करने के लिए बाजार नियामक सेबी ने 2012 में बेसिक सर्विस वाले डीमैट अकाउंट की सुविधा शुरू की थी।
क्या है शर्तें सेबी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति एकमात्र या प्रथम धारक के रूप में केवल एक डीमैट खाता रखता है और सभी डिपॉजिटरी में उसके नाम पर केवल एक खाता है। वह बेसिक सर्विस वाले डीमैट अकाउंट के लिए पात्र है। शर्त है कि अकाउंट में रखी सिक्योरिटीज का मूल्य किसी भी समय 10 लाख रुपये से अधिक नहीं है।

अब तक क्या थे नियम

इस बदलाव से पहले बेसिक सर्विस वाले डीमैट अकाउंट के लिए पात्र होने के लिए एक ही डीमैट खाते में 2 लाख रुपये तक की ऋण प्रतिभूतियों और दो लाख रुपये तक की गैर-ऋण प्रतिभूतियों को रखने की अनुमति थी। सेबी ने कहा कि चार लाख रुपये तक के पोर्टफोलियो मूल्य होने पर बीडीएसए के लिए कोई एनुअल मेंटेनेंस चार्ज नहीं लगेगा जबकि 4 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के पोर्टफोलियो मूल्य होने पर चार्ज 100 रुपये लगेगा। हालांकि, पोर्टफोलियो मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक होने पर बेसिक सर्विस वाले डीमैट अकाउंट को अपने-आप ही नियमित डीमैट खाते में परिवर्तित कर दिया जाना चाहिए। नियामक ने कहा कि बेसिक सर्विस वाले डीमैट अकाउंट को इलेक्ट्रॉनिक विवरण मुफ्त में दिए जाएंगे। इसके साथ 25 रुपये देकर फिजिकल अकाउंट डिटेल लिया जा सकता है।

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