मध्यप्रदेश

निजी विद्यालयों के संचालकों के विरूद्ध 2-2 लाख रूपये की शास्ति अधिरोपित

  • जिला प्रशासन द्वारा की गई बड़ी कार्यवाही
  • निजी विद्यालयों के संचालकों के विरूद्ध 2-2 लाख रूपये की शास्ति अधिरोपित
  • अभिभावकों को राशि वापस करने संचालकों को आदेश जारी

 

डिंडौरी :

जिले में लंबे समय से चल रहे प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के नाम पर निर्धारित राशियों से अधिक अभिभावकों से वसूली की खबर ।आएं दिन समाचार पत्रों में हो रहे प्रकाशित खबरों का असर ।अब देखने को मिल रहा है।जिले में संचालित प्राइवेट बिधायलयो में चल रहे मनमानी पर अंकुश लगाने की पहल। कलेक्टर  विकास मिश्रा के निर्देशानुसार एसडीएम डिण्डौरी के जांच प्रतिवेदन एवं जिला समिति के परीक्षण उपरांत म.प्र.निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के प्रावधानों का उल्लंघन पाये पर जिले के चार निजी विद्यालय  संचालकों के विरूद्ध दो-दो लाख रूपये की शास्ति अधिरोपित की गई है। इन निजी विद्यालयों में मदर टेरेसा सीनियर हायर सेकेण्डरी स्कूल डिंडौरी, सेंट ऐंजिल पब्लिक स्कूल डिंडौरी, जेडीईएस हॉयर सेकेण्ड्री स्कूल जुनवानी और माँ सरस्वती हायर सेकेण्ड्री स्कूल समनापुर शामिल हैं। स्कूलों पर अधिरोपित शास्ति की राशि 07 दिवस के अंदर निर्धारित मद में चालान के माध्यम से जमा करना अनिवार्य होगा। शाला प्रबंधन द्वारा उन पर अधिरोपित राशि नियत समय सीमा में जमा नहीं करने एवं जॉच में पाई गई कमियों/अनियमितताओं कि पूर्ति नहीं करने पर संस्था की मान्यता रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी।

    ज्ञात है कि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) डिण्डौरी ने प्रतिवेदित किया है कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त स्कूलों के विरुद्ध म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के प्रावधानों के तहत जॉच दल के द्वारा विस्तृत जांच की गई और अधिनियम के प्रावधानों के तहत जॉच प्रतिवेदन परीक्षण एवं कार्यवाही हेतु प्राप्त होने पर परीक्षण स्वरूप अधिनियम की कंडिकाओं का पालन स्कूल द्वारा न किया जाकर पृथम दृष्टया अधिनियम का उल्लंघन किया गया है। जॉच टीम द्वारा पाया गया कि इन स्कूलां के द्वारा छात्र-छात्राओं से वसूल की गई फीस पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है, संस्था द्वारा छात्र-छात्राओं को उनकी सुविधा अनुसार फीस ली गई किन्तु निर्धारित फीस का उल्लेख नहीं पाया जाना, गणवेश का निर्धारण कितने वर्षों के लिये किया जाता है, संस्था की समिति द्वारा किया गया निर्धारण जॉच दल को उपलब्ध नहीं कराया जाना, रोकडबही का संधारण नियमानुसार नहीं पाया जाने तथा कय की गई सामग्री का बिल/ व्हाउचर जॉच दल को उपलब्ध नहीं कराया जाने के संबंध में जॉच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को जॉच दल द्वारा प्रस्तुत किये जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी डिण्डौरी द्वारा प्रतिवेदन परीक्षण हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डिण्डौरी को प्रेषित किया गया।

     जिला शिक्षा अधिकारी, डिण्डौरी के उक्त पत्र के साथ संलग्न जाँच प्रतिवेदन का प्रारंभिक परीक्षण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डिण्डौरी द्वारा किया गया एवं प्रकरण दर्ज किया जाकर अनावेदक संस्था को नोटिस जारी कर दस्तावेजों सहित जवाब लिया गया। संस्था द्वारा प्रस्तुत जवाब एवं जॉच प्रतिवेदन के तथ्यों के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डिण्डौरी का जॉच प्रतिवेदन 26 जून 2024 को प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम-2017 की धारा 7 (1) के तहत फीस एवं अन्य सबंधित विषयों को विनियमित करने के लिये कलेक्टर डिण्डौरी की अध्यक्षता में पूर्व गठित समिति की बैठक आहूत की जाकर एक तीन सदस्यी समीक्षा समिति गठित की गई। जिसमें सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, डिण्डौरी, जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला कोषालय अधिकारी को सम्मिलित किया गया।

   आज गुरूवार को उक्त तीन सदस्यी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में इस समिति द्वारा अधिनियम की धारा-9 (1) के अंतर्गत उक्त स्कूलों के विरूद्ध प्राप्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डिण्डौरी के शिकायती प्रतिवेदन पर संज्ञान में लिया जाकर उक्त शिकायत की विस्तृत जॉच हेतु अधिनियम में वर्णित प्रावधानों के तहत सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग डिण्डौरी, जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला कोषालय अधिकारी की इस 03 सदस्यी जॉच समिति द्वारा विस्तृत परीक्षण एवं समीक्षा की गई।

     जॉच समिति द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डिण्डौरी के जॉच प्रतिवेदन एवं उपलब्ध अन्य दस्तावेजों का परिशीलन पर पाया गया कि उक्त निजी संस्था को नोटिस देने के उपरांत जांच के दौरान स्कूलों द्वारा प्राप्त जवाब/दस्तावेज एवं गठित टीम द्वारा की गई जांच के उपरांत पृथक से जांच रिपोर्ट का परिशीलन करने पर पाई गई कमियां के आधार पर निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है कि उक्त संस्था द्वारा जिला/राज्य सामिति द्वारा प्रस्तावित फीस का परीक्षण और प्रस्ताव पर निर्णय लेने की प्रकिया का नियम का पालन नहीं किया गया। उक्त संस्थाओं द्वारा अलग-अलग सत्रों में पालकों/जिला समिति अथवा अन्य अधिकारियों के समक्ष बगैर प्रस्ताव पारित किए विभिन्न मदवार फीस बढोत्तरी की गई। साथ ही अध्ययनरत छात्र-छात्राओं/पालकों से फीस बसूलने हेतु प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाते हुए फीस वसूली गई है, जिसकी पुष्टि संबंधित संस्थाओं द्वारा प्रेषित दस्तावेजों से होना पाया गया है।

       इस प्रकार निजी संस्थाओं के द्वारा अवैधानिक रूप से फीस बढाते हुए म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 की धारा 3 (1) सहपठित नियम 3ः2; (चार) का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है। म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 4 अनुसार “निजी विद्यालय द्वारा प्रस्तावित फीस संरचना में वृद्धि यदि पिछले शैक्षणिक सत्र की फीस की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक किंतु 15 प्रतिशत या उससे कम है तो जिला समिति से अनुमोदन तथा यदि प्रस्तावित फीस संरचना में वृद्धि यदि पिछले शैक्षणिक सत्र की फीस की तुलना में 15 प्रतिशत से अधिक है तो जिला समिति के माध्यम से राज्य समिति से अनुमोदन कराने का प्रावधान है“ जिसका पालन स्कूल प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया। जोकि म.प्र.निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 4 (2) एवं (3) के विपरीत है। जारी आदेशानुसार विद्यालय प्रबंधन द्वारा नियम विरुद्ध संग्रहित फीस की गणना कर अतिरिक्त 30 कार्य दिवस में संबंधित छात्र-छात्राओं के पालकों अथवा अभिभावकों को वापस करने के निर्देश दिए गए।

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