मध्यप्रदेश

दमोह में दहशत फैलाने बाघिन कजरी लौटी, नोरादेही से निकलकर

दमोह

वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के नोरादेही अभ्यारण्य से निकलकर एक बाघ ने फिर से दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक की ओर मूवमेंट किया है। हालांकि अभी यह पुष्टि नहीं हो पाई की यह बाघ पुराना है या जो अभी नया अभ्यारण में आया है वह है। वनकर्मी खोज में लगे हैं।

जानकारी यह मिल रही है कि बाघिन कजरी ने एक बार फिर दमोह जिले की सीमा में अपने कदम रख लिए हैं। बता दें नोरादेही में इस समय 20 से अधिक बाघ हैं, जिनमें केवल तीन बाघों को कालर आईडी लगी है, बाकी बाघों की लोकेशन पदमार्क से ली जा रही है। तेंदूखेड़ा ब्लाक के जिस जंगली क्षेत्र में लोकेशन मिली है, यह एरिया नोरादेही की सीमा का हिस्सा है, लेकिन यदि बाघ थोड़ा भी इधर उधर मूमेंट करता है तो उससे लगा भाग तारादेही वन परिक्षेत्र में लगता है।

कोसमदा के जंगल में है बाघिन कजरी
जानकारी यह मिल रही कि बाघिन जिस जगह घूम रही है, वह कोसमदा और चांदना ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने बाले गांव के जंगल है। वहां बड़ी खाई में बाघिन है, जिसने बैल को अपना आहार बनाया है।

वहीं जानकार यह भी बता रहे हैं कि बाघ शंभू और कजरी को इसी क्षेत्र में छोड़ा गया था और उन्हीं दो में से एक बाघ उस क्षेत्र को छोड़कर इधर पहुंच गया है। वन अमला भी कह रहा है कि यह बाघिन कजरी है जो पहाड़ी उतर आई है उसकी हम लोग निगरानी कर रहे हैं।

तीन महीने पहले लाया गया बाघों का जोड़ा
कजरी बाघन को 27 मार्च की रात्रि में डोगरगांव रेंज की महका वीट में छोड़ा गया था, लेकिन कुछ दिन बाद कजरी उस क्षेत्र को छोड़ दमोह जिले के तारादेही क्षेत्र के जंगलों में पहुंच गई थी और उसके बाद सर्रा फिर झलोन रेंज होते हुये बाघन तेजगढ़ वन परिक्षेत्र के जंगलों में ठहर गई थी। जहां उसका रेस्क्यू किया गया और उसके बाद पुनः बाघिन को महका के जंगलों में व्यारमा नदी के समीप छोड़ दिया था।

वहां उसे शंभू नामक बाघ का साथ मिल गया और बाघन उसी के साथ दिखने लगी, लेकिन अब पुनः वह पहाड़ी क्षेत्र से होकर कोसमदा, देवरी, खारी के जंगलों में आ गई है।

ये बोले सर्रा और तारादेही रेंजर
जिस जगह बाघिन अभी रुकी है वह स्थान नोरादेही की सर्रा रेंज और दमोह की तारादेही वन परिक्षेत्र की सीमा है। एक पल में बाघिन तारादेही वन परिक्षेत्र की सीमा में आ जाती है तो दूसरे पल नोरादेही की सर्रा रेंज में पहुंच जाती है। सर्रा रेंजर बलविंद्रर सिंह ने बताया की बाघिन पहाड़ी उतर कर इस तरफ आ गई है। टीम निगरानी के लिए लगी है और मैंने सबंधित रेंज के रेंजर को इसकी सूचना दे दी है। बाघ की लोकेशन दो तीन दिन से मिल रही है। तारादेही रेजर देवेंद्र ग़ुज्जर का कहना है कि जिस जगह बाघिन है, वह नोरादेही की सीमा है। मेरे वन परिक्षेत्र की सीमा उससे लगी हुई है। मैंने साबधानी के लिए खारी और कोसमदा गांव जाकर लोगों को इसकी जानकारी दे दी है और जंगल न जाने के निर्देश दिये है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button