मध्यप्रदेश

बहुचर्चित हत्‍या के मामले पर 37 साल बाद न्यायालय ने सुनाया फैसला, किस्सू तिवारी को आजीवन कारावास की सजा

कटनी
 किस्सू तिवारी के बहुचर्चित मामले में न्यायालय का फैसला आया। चूना भट्टे में युवक को फेंक कर हत्या के मामले पर 37 साल बाद न्यायालय ने सुनाया फैसला। कुख्यात अपराधी किस्सू तिवारी को पंचम अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सुनाई सजा।

युवक का अपहरण कर उसे जिंदा चूने के भट्टे के डाल दिया था

जिले के कुख्यात अपराधी किस्सू उर्फ किशोर तिवारी पर एक युवक का अपहरण कर उसे जिंदा चूने के भट्टे के डाल देने के मामले में जिला न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। सोमवार को मामले में फैसला आने की संभावना थी। सुबह से जिला न्यायालय में पुलिस बल तैनात रहा। दोपहर बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए किस्सू तिवारी को मामले में जहां दो धाराओं में दोषमुक्त किया है तो वहीं हत्या के मामले में उसे दोषी पाया गया है। न्यायालय में मामले का फैसला सुरक्षित रख लिया था।

दूसरे दिन उसका जला हुआ शव भट्टे से पुलिस ने बरामद किया था

किस्सू तिवारी पर हत्या, अपहरण, हत्या के प्रयास सहित 22 मामले दर्ज हैं। जिसमें कटनी के अलावा जबलपुर व इंदौर में भी उसने अपराध किए थे। कोतवाली थाना क्षेत्र के वर्ष 1987 में डेऊं नामक युवक को किस्सू उसके घर से पार्टी के लिए लेकर गया था और खाना खाने के बाद ढाबे में उसके साथ मारपीट की। साथ ही दस किमी. दूर ले जाकर चूने के जलते भट्टे में उसे झोंक दिया था। दूसरे दिन उसका जला हुआ शव भट्टे से पुलिस ने बरामद किया था।

2021 में डेऊ की हत्या में सजा सुनाने के दौरान फरार हो गया था

2015 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था और उसके बाद वह जमानत पर छूटा था। वर्ष 2021 में डेऊ की हत्या के मामले में उसे जब न्यायालय सजा सुनाने वाली थी तो वह फरार हो गया था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी और हाईकोर्ट के दबाव के चलते कुछ दिन पहले ही उसे उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह अयोध्या उप्र में रामलला के दर्शन करने पहुंचा था।

 

अयोध्या में फरारी काट रहा 55 हजार का इनामी बदमाश किस्सू तिवारी

मोस्ट वांटेड किस्सू उर्फ किशोर तिवारी पर कुल 22 मामले दर्ज हैं, जिसका लास्ट अपराध 2015 में आर्म्स एक्ट रहा। वहीं, आरोपी द्वारा अपहरण और हत्या सहित कई गंभीर अपराध को अंजाम दिया गया था। इसमें से 20 कटनी में तो एक जबलपुर और एक इंदौर में घटित करते हुए फरार हो गया था। पुलिस इसे गिरफ्तार करने के लिए लगातार देश भर के अलग-अलग हिस्सों में दबिश दे रही थी। इसके साथ ही आरोपी किस्सू तिवारी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था, जिसे बढ़ाते हुए जबलपुर आईजी ने 55 हजार कर दिया था। एसपी ने आरोपी के गिरफ्तारी के लिए 18 सदस्यीय टीम गठित की थी, जिसमें दो उप पुलिस अधीक्षक, दो थाना प्रभारी, सात उप निरीक्षक, एक एएसआई, दो प्रधान आरक्षक तो दो आरक्षक शामिल किए थे।

पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन ने पूरा मामले पर प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार मिल रहे निर्देशन पर 18 सदस्यीय टीम, जो पांच हिस्सों में बांटते हुए एक टीम हिमाचल के कांगड़ा, दूसरी टीम आसाम के नाहर कटिया, तीसरी टीम इंदौर के तुकोगंज और चौथी टीम दिल्ली के लिए रवाना की थी। इसी दौरान मुखबीर से सूचना मिली कि आरोपी अयोध्या में राम मंदिर के पास देखा गया था, जिसे पकड़ने के लिए पांच तीन को बढ़ाते हुए एसआई नवीन नामदेव, महेंद्र जायसवाल, किशोर कुमार सहित अन्य स्टॉफ को उत्तर प्रदेश के अयोध्या रवाना किया। जहां पहुंची टीम ने भीड़-भाड़ वाली जगह में दिखे किस्सू तिवारी को घेराबंदी करते हुए पकड़ा। इस दौरान बदमाश पुलिस से भिड़ते हुए भागने की कोशिश किया। लेकिन पुलिस के शिकंजा से छूटने में नाकाम रहा, जिसे टीम ने कटनी लाकर बड़ी सफलता हासिल की है।

एसपी अभिजीत रंजन ने कहा कि किस्सू उर्फ किशोर तिवारी की हालत और परिस्थितियों को देखते हुए एक बात तो साफ है कि उसे किसी न किसी का संरक्षक मिला हुआ था, जिसे लेकर पूछताछ की गई है। उन्हें चिन्हित करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, कटनी पुलिस ने कुख्यात बदमाश को न्यायालय में पेश किया है और इनाम की राशि अयोध्या गई टीम को सौंपे जाने की बात कही है।

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