रायपुर: मुख्यमंत्री बघेल को हेल्थ फेडरेशन के प्रदेश सयोंजक ने बर्खास्त एवं निलबित कर्मचारियों को बिना बहाल किये कई राष्ट्रीय कार्यक्रमों की गलत रिपोर्टिंग करने शासन प्रसासन को गुमराह करने ,जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने ,महामारी के समय कर्मचारियों की ज्वाइनिंग नहीं लेने के कारण ,जाँच कर दोषी अधिकारी को पद से पृथक कर क़ानूनी कार्यवाही की मांग की गई !विदित हो की एस्मा की कॉपी प्रदान कर नियमानुसार एस्मा में कर्मचारियों को कार्य उपस्थिति से रोकने पर 1979 के धारा 5 की उपधारा 3, 6 एवम् 7 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है जिसमे 3 वर्ष का कारावास अथवा 5000 का जुर्माना एवम् 6 माह की कारावास अथवा 500 जुर्माने का प्रावधान है इसके तहत ज्वाइन नही लेने वाले अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही करने के लिए आवेदन दिया गया ।
ज्ञात हो कि स्वास्थ्य फेडरेशन की हड़ताल समाप्ति 13 सितंबर को हो गया है जिसमे माननीय मुख्यमंत्री जी से भेट कर हड़ताल स्थगित की गई माननीय मुख्यमंत्री जी ने बर्खास्त निलंबित कर्मचारी को बहाल कर मांगो पर विचार करने हेतु अफसरो को निर्देश दिए गए ।
स्वास्थ्य विभाग के जेडी, सीएमएचओ, बीएमओ द्वारा कई जगह ये देखने को मिला की एस्मा का खुला उलंघन किया गया एस्मा में कार्य करने से रोका गया ,स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा लगभग 4700 स्वास्थकर्मियो पर निलंबन एवम् बर्खास्तगी जैसी कार्यवाही की गई थी, हड़ताल समाप्ति के 10 दिन बाद भी कई अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों को ज्वाइन नही दिया गया जिससे एस्मा के तहत ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही करने के लिए फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल द्वारा ज्ञापन दी गई ।
प्रतिनिधि मंडल में टारजन गुप्ता , डॉ इकबाल हुसैन ,डॉ रीना राजपुत ,सुमन शर्मा , देबाश्री साव ,अनशिला बैस और प्रवीण डीडवंशी हरीश जायसवाल ,सुरेश पटेल ,संतलाल साहू एवं समस्त प्रतिनिधि मंडल उपस्थित रहे ।