Uttar Pradesh

लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को मिली हार के बाद बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने पुलिस पर लगाया बदसलूकी का आरोप

लखनऊ
लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को मिली हार के बाद पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और समर्थकों की अधिकारियों के साथ टकराव की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. कुछ दिन पहले अयोध्या में समीक्षा बैठक के दौरान हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास और जिले के ​डीएम नीतीश कुमार के बीच तीखी नोंकझोक हुई थी. अब ताजा मामला बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का सामने आया है. उन्होंने यूपी डीजीपी को दी गई लिखित शिकायत में लखनऊ पुलिस के सब-इंस्पेक्टर पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया है.

बीजेपी के लिए टीवी डिबेट में विपक्ष से मोर्चा लेने वाले राकेश त्रिपाठी का दावा है कि लखनऊ पुलिस ने उन्हें परिवार के सामने अपमानित किया. उनकी गाड़ी रोककर तलाशी ली गई, हूटर और बत्ती चेक की गई. उन्होंने परिचय दिया लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी. बता दें कि राकेश त्रिपाठी ने बीजेपी का झंडा अपनी गाड़ी से उतार दिया है. डीजीपी को की गई शिकायत में राकेश त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि वह अपने परिवार के साथ श्रीनगर से लौटे थे. एयरपोर्ट से घर आते समय जैसे से ही वह शहीद पथ की ओर बढ़े, सब-इंस्पेक्टर आशुतोष त्रिपाठी ने उनकी गाड़ी रोक दी और तलाशी लेने लगे.

अलीगढ़ में पुलिस ने किया मार्च
अलीगढ़ में मॉब लिंचिंग के बाद तनाव, चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात; पोस्टमार्टम में हुआ ये खुलासा   राकेश त्रिपाठी ने अपनी शिकायत में कहा, 'एसआई आशुतोष त्रिपाठी ने मेरे और परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया. इस अकस्मात हुई घटना से मेरे मान-सम्मान को ठेस पहुंची है'. भाजपा प्रवक्ता ने डीजीपी से एसआई के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का अनुरोध किया. राकेश त्रिपाठी की शिकायत पर उपनिरीक्षक आशुतोष त्रिपाठी को लाइन हाजिर कर दिया गया है. बीजेपी की हार की समीक्षा बैठक में भी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ ऐसी ही बदसलूकी की शिकायत की गई है.

ऐसे ही एक मामले में योगी सरकार के मंत्रियों के सामने अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार और हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास के बीच बहस हो गई थी. यह मामला सरयू सर्किट हाउस का है, जहां लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा बैठक चल रही थी. राजू दास ने अयोध्या में हार का ठीकरा डीएम के सिर पर फोड़ दिया था. इस घटना के बाद उनकी सुरक्षा हटा ली गई. सुरक्षा हटने के बाद राजू दास ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी.

योगी सरकार ने हाल ही में राज्य के अफसरों और कर्मचारियों के लिए मीडिया और सोशल मीडिया गाइडलाइंस जारी की हैं. नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब अफसरों या कर्मचारियों को किसी मेन स्ट्रीम मीडिया में बोलने या सोशल मीडिया पर लिखने से पहले सरकार की इजाजत लेनी होगी. ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. बिना मंजूरी लिए अखबार में लिखने, टीवी या रेडियो के किसी कार्यक्रम में शामिल होने या सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में अफसरों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button