रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश की पत्रकार वार्ता में धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार द्वारा 80 फीसदी राशि दिए जाने की स्वीकारोक्ति के परिप्रेक्ष्य में कहा है कि झूठ के पाँव लंबे समय तक नहीं चलते और हम मानते हैं कि कांग्रेस में भी सत्य कहने और स्वीकारने का साहस रखने वाले कुछ नेता हैं। वैसे तो पर्दे के पीछे कांग्रेस के अधिकांश नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियाँ और योजनाएँ बेहतर हैं और उनकी राजनीतिक विवशता है कि सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी और भाजपा की मुखालफत करना पड़ती है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जयराम रमेश ने बुधवार को राजधानी में पत्रकारों के सामने यह स्वीकार किया था कि धान खरीदी की 80 फीसदी राशि केंद्र सरकार देती है। अपनी बात को बहुत विस्तार से पत्रकारों को समझाते हुए जयराम रमेश ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार 2200 रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार शेष राशि मात्र ही देती है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जयराम रमेश का यह कथन आईने की तरह साफ है कि धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार 2200 रुपए दे रही है और प्रदेश की भूपेश सरकार सिर्फ 600 रुपए ही देती है। बावजूद इसके, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भूपेश सरकार अपने दम पर पूरा धान खरीदने का मिथ्या दंभ भर रही है और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रदेश के किसानों को बरगला रही है। भरोसे का सम्मेलन करने वाली भूपेश सरकार ने जितना झूठ फैलाया था, उस झूठ की पोल खुल चुकी है। श्री श्रीवास्तव ने इस बात पर हैरानी जताई कि धान खरीदी को लेकर जयराम रमेश ने दिन में जो बात कही, शाम होते-होते वे खुद उससे मुकर गए। चार घंटे भी वह अपनी बात पर कायम नहीं रह सके। कांग्रेस के लोग जब अपनी बात पर चार घंटे भी कायम नहीं रह सकते तो ऐसे लोगों पर प्रदेश क्यों भरोसा करेगा? जयराम रमेश का यह कथन मीडिया जगत के कैमरे में कैद है और जयराम रमेश साफ झूठ बोल रहे हैं कि उनके कथन को भाजपा द्वारा टैम्परिंग करके प्रस्तुत किया जा रहा है। श्री श्रीवास्तव ने पत्रकार वार्ता में जयराम रमेश के उस लाइव वीडियो का प्रदर्शन करके बताया कि जयराम रमेश कैसे झूठ बोलकर ‘सेल्फ गोल’ का डैमेज कंट्रोल करने की हास्यास्पद कोशिश कर रहे हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जो पत्रकार वार्ता लाइव कांग्रेस के ऑफिशियल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर है, और जिसे प्रदेश की जनता ने देखकर सत्य का साक्षात्कार किया है, उसमें टैम्परिंग कैसे हो सकती है? क्या कांग्रेस के लोगों की समझ पर इतना पाला पड़ गया है? लगातार झूठ बोलकर प्रदेश को गुमराह करना ही कांग्रेस के लोगों का एकमात्र राजनीतिक एजेंडा रह गया है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से कह रही है कि धान खरीदी की 80 फीसदी राशि केंद्र की सरकार चावल खरीदकर प्रदेश सरकार को दे रही है। इसमें हमाली, बारदाना और सुतली तक के सारे व्यय भार भी केंद्र सरकार उठाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र के वादों में सबसे पहला वादा किसानों की कर्जमाफी का था। लेकिन इरादा देखिए कि हर किसान का सारा कर्ज माफ करने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार ने अधिकतर किसानों की कर्जमाफी नहीं की, लेकिन फिर से कर्जमाफी की घोषणा कर किसानों को छलने का प्रयास कर रही है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस ने मुफ्त शिक्षा घोषणा प्री-प्राइमरी (प्री-स्कूल) से 12वीं कक्षा तक लागू करने और छात्राओं के लिए नर्सरी से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा मुफ्त प्रदान करने का झूठा वादा किया था, जिसमें 8वीं कक्षा तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निःशुल्क शिक्षा को छोड़कर, छत्तीसगढ़ में लड़कियों को सरकारी संस्थानों में उच्च माध्यमिक और कॉलेज में मुफ़्त शिक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। ऐसे ही कांग्रेस सरकार ने भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई उन योजनाओं को भी रोक दिया, जिसके अंतर्गत कॉलेजों से निकलने वाले छात्रों को लैपटॉप और टैबलेट मिलना था। कांग्रेस ने चुनाव से पहले अपने जन घोषणा पत्र में गरीब परिवार को 4 गैस सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया था, लेकिन सरकार की विदाई का समय नजदीक आ गया, मगर छत्तीसगढ़ के गरीब परिवार को फ्री के 4 सिलेंडर नहीं मिले। मगर फिर जनता को ठगने के लिए सब्सिडी की बात कांग्रेस कर रही है। महतारी सम्मान योजना के तहत भी सभी माताओं को हर महीने राशि देने का झूठा वादा कर उनको छलने का कांग्रेस ने काम किया है। इसी प्रकार भूमिहीन कृषि मजदूरों को न्याय देने की बात करने वाली भूपेश सरकार ने नियमों का इतना बड़ा मकड़जाल बनाया है कि मजदूरों को न्याय पाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि वनोपज की उचित मूल्य पर खरीदी की डींगें हाँकने वाली कांग्रेस सरकार ने तेंदूपत्ता में भी करोड़ों का घोटाला कर आदिवासियों को बोनस से भी वंचित रखा है। तेंदूपत्ता में दिए जाने वाले बोनस को संग्राहकों तक न भेजकर नेताओं ने अपनी जेबें भर ली है। कांग्रेस सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण की अवधि को कम कर आदिवासियों के साथ धोखा किया है। इससे तेंदूपत्ता संग्रहण में भारी कमी आई है। जहां 2017 में 17 लाख मानक बोरा संग्रहण हुआ था, वहीं 2021 में यह घट कर 13 लाख ही रह गया। वर्ष 2017 में प्रति मानक बोरा लगभग 8,000 रुपए वन समितियों को प्राप्त हुआ, जबकि 2021 में यह घटकर 6,800 रुपए हो गया। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बिजली बिल हाफ़ का वादा कर सत्ता में काबिज हुई कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद ही बिजली के दामों को दुगुना करने का काम किया है। पहले 400 यूनिट तक फिक्स रेट करने वाले अब 200 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा कर कर रहे हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि आवास के नाम पर मुख्यमंत्री बघेल 17-17.5 लाख लोगों को आवास देने के नाम पर गफलत फैलाने में लगे हैं जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले 16 लाख से अधिक घरो को भूपेश बघेल ने बनने नहीं दिया। भाजपा ने ‘मोर आवास-मोर अधिकार’ आंदोलन भी किया। कांग्रेस सरकार की गरीबों का घर बनाने की कोई नीयत नहीं थी, तभी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी ओछी सोच का प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस योजना में ‘प्रधानमंत्री’ शब्द जुड़ा है, इसलिए वे घर नहीं बनने देंगे। कांग्रेस सरकार के उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने तब इसी रवैये से त्रस्त होकर ग्रामीण विकास मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। प्रदेश में अनेक स्थानों पर अपने आवास की प्रतीक्षा करते-करते गरीबों की मौत तक हो गई। कांकेर में ऐसे ही एक हृदय विदारक घटना में एक ही परिवार के पांच लोगों की मृत्यु जर्जर घर के गिर जाने से हो गयी। वह परिवार भी आवास की प्रतीक्षा सूची में था और कांग्रेस सरकार के राज्यांश नहीं देने के कारण उसका घर नहीं बन पाया था।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 के जन घोषणा पत्र में महिला स्व-सहायता समूहों के ऋण माफी की घोषणा भी की थी, मगर पाँच साल बीत जाने के बाद भी महिलाओं का ऋण माफ़ नहीं किया गया। अब एक बार फिर महिलाओं से ऋण माफ़ी करने का झूठा वादा कर रहे हैं। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की थोथी बात करने वाली भूपेश सरकार ने महिला स्व-सहायता समूह के आंगनबाड़ी के बच्चों और माताओं के लिए रेडी टू ईट भोजन बनाने के काम को बड़े उद्योगपति को तुच्छ स्वार्थ के चलते दे दिया। कांग्रेस सरकार ने न केवल स्व-सहायता समूहों की 22 हजार से अधिक महिलाओं की रोजी रोटी छीनी, बल्कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को खराब खाना देकर उनके जीवन के साथ भी खिलवाड़ किया और छत्तीसगढ़ के भविष्य को भी अंधकार में धकेल दिया। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस की आँखों का पानी मर चुका है। इसलिए जो कांग्रेस सरकार लोगों तेंदूपत्ता पर पिछले पांच साल में बोनस नहीं दे पाई, वह अब एमएसपी पर वनोपजों को खरीदी करने की बात कर रही है। राहुल गांधी ने 200 फूड पार्क लगाने का वादा किया था और कहा था कि किसानों के खेत से ही फसल खरीद ली जाएगी और फूड प्रोसेसिंग यूनिट में किसानों के बच्चों को रोजगार मिलेगा। कितना फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगा और किसान के कितने बच्चों को रोजगार मिला? 700 नए ग्रामीण औद्योगिक पार्कों (रीपा) की स्थापना का वादा महज 200 फूड पार्क लगाने के वादे की तरह एक छलावा है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर प्रदेश सरकार और कांग्रेस को आड़े हातों लेते हुए कहा कि भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में आर्थिक-सामाजिक सर्वे कराया था। लेकिन सरकार ने यह सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। राज्यपाल द्वारा भी आरक्षण को लेकर रिपोर्ट मांगी गई, लेकिन मुख्यमंत्री बघेल इस रिपोर्ट को जानबूझकर अपने ओछी राजनीति के चलते दबाए बैठे हैं। मुख्यमंत्री बघेल बताएँ कि क्वान्टिफाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट आखिर कहाँ है? सरकार क्यों उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर रही है? स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली पर निशाना साधकर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बस्तर, सरगुजा तथा सुपेबेड़ा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में हवाई एम्बुलेंस की सेवा प्रदान करने वादा किया था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन कर सर्व सुविधायुक्त अस्पतालों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें जरूरत के अनुसार चिकित्सक, विशेषज्ञ तथा अन्य स्टाफ की भर्ती की जाएगी, जिला अस्पतालों को सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं प्रदान करने योग्य बनाया जाएगा, 16 मेडिकल कॉलेजों को मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों में बदला जाएगा तथा नये मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, लेकिन यह महज खोखला वादा ही साबित हुआ। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 14 गंभीर बीमारियों के लिए 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की बात करने वाली ये कांग्रेस सरकार सिर्फ कागजों में सेवाएँ दे रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भूपेश सरकार स्वामी आत्मानंद स्कूल को एक मॉडल के रूप में पेश कर रही है, लेकिन बाकी योजनाओं की तरह यह भी सिर्फ विज्ञापनों तक सिमटकर रह गई है। जब स्कूल मॉडल होता है तो रिजल्ट बताते हैं, उसे प्रचार की जरूरत नहीं होती। आत्मानंद स्कूलों में शिक्षकों के अभाव के कारण 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी फेल हो रहे हैं। एक बड़ी राशि आत्मानंद स्कूल के नाम पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी गई है और बाकी सरकारी स्कूल ज्यों-के-त्यों पड़े हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ‘भूपेश है तो भरोसा है’ की जुमलेबाजी से चलकर ‘भरोसे की सरकार’ के जुमले तक की छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सारी नौटंकी का कुलजमा लब्बोलुआब यही है कि कांग्रेस अब प्रदेश की जनता का भरोसा पूरी तरह से खो चुकी है। आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी तयशुदा पराजय को देखकर कांग्रेस और भूपेश सरकार बदहवास हो गई है और लगातार झूठे वादे और घोषणाओं का सहारा ले रही है।
पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित साहू भी उपस्थित थे।