मध्यप्रदेश

जबलपुर-छिंदवाड़ा समेत 13 जिलों में आज बरसेगा पानी, भोपाल-इंदौर में गरज-चमक

भोपाल

र्मदापुरम में बुधवार को बारिश के चलते दिन में भी वाहनों की हेडलाइट जलानी पड़ी। रायसेन में नदी में पानी आने से जेसीबी डूब गई।मध्यप्रदेश में प्री-मानसून एक्टिविटी के चलते बुधवार को कई शहरों में मौसम बदला रहा। बारिश हुई, आकाशीय बिजली गिरने के मामले भी सामने आए और आंधी भी चली। ऐसा ही मौसम गुरुवार को भी रहेगा। जबलपुर, छिंदवाड़ा समेत प्रदेश के 13 जिलों में तेज बारिश हो सकती है।

हल्की बारिश के साथ आकाशीय बिजली की कई घटनाएं सामने आई हैं। मौसम विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है। भोपाल के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने कहा, आसमान में गहरे काले बादल हों तो सुरक्षित स्थान पर जाएं। न पेड़ के नीचे खड़े न हों और न ही समूह में बैठें।

ग्वालियर में 43 डिग्री रहा
मध्यप्रदेश में बुधवार को सर्वाधिक 43 डिग्री तापमान ग्वालियर में दर्ज किया गया। इसके अलावा शिवपुरी, शहडोल, रीवा, चित्रकूट, कटनी, पृथ्वीपुर, नरसिंहपुर, राजगढ़ और सीधी भी सर्वाधिक गर्म रहे।

गुरुवार को कहां कैसा रहेगा मौसम

    गुरुवार को सागर, छतरपुर, दमोह, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, उमरिया छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, बालाघाट में आंधी-बारिश का ऑरेंज अलर्ट है।
    शहडोल, सिंगरौली, अनूपपुर, सिवनी, सीहोर, भोपाल, रायसेन, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, ग्वालियर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, सीधी, सिंगरौली, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में गरज-चमक के साथ आंधी चलने का अनुमान है।  

किसान 23 जून तक तैयार करें धान की नर्सरी
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया, मानसून आने के बाद जून के आखिरी और जुलाई के दूसरे सप्ताह तक बोवनी के लिए बेहतर समय है। 4 इंच बारिश होने के बाद बोवनी की जा सकती है। सिंचाई की सुविधा है तो 23 जून तक धान की नर्सरी तैयार कर लें। कपास सोयाबीन की बोवनी खेत में पर्याप्‍त नमी होने पर ही करें। अरहर के लिए खेत तैयार कर लें। जिन किसानों के पास सिंचाई सुविधा है, वह हरी खाद के लिए मक्का या ढैंचा की बोवनी कर लें।

किसानों को यह सलाह

  • मानसून आने के बाद जून के आखिरी या जुलाई के दूसरे सप्ताह तक का समय बोवनी के लिए उपयुक्त है। जब 4 इंच बारिश हो जाए तो किसान बोवनी कर सकते हैं।
  • पर्याप्त बारिश होने या फिर सिंचाई की सुविधा होने पर 23 जून के बाद धान की नर्सरी के लिए किसान खेत तैयार कर लें।
  • कपास या सोयाबीन की बोवनी मानसून आने के बाद खेत में पर्याप्‍त नमी होने पर ही करें।
  • अरहर की बुवाई के लिए खेत की तैयारी करें। जिन किसानों के पास सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो, वे हरी खाद के लिए मक्का या ढैंचा की बोवनी करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button