MP में राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज, सबसे आगे ये नाम
भोपाल
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनावों के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश चुनावी मोड में नजर आ रहा है. छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. यहां 10 जुलाई को वोटिंग होनी है, जबकि 13 जून को यहां के नतीजे आएंगे. इसके अलावा मध्य प्रदेश की एक राज्यसभा सीट भी खाली हो चुकी है, जिसे लेकर तमाम तरह की अटकलें और दावेदारी शुरू हो चुकी है. कई नेताओं की सक्रियता भी देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी भोपाल में बढ़ गई है. प्रदेश के कई दिग्गज नेता राज्यसभा सीट के लिए अभी से अपनी तैयारी में लगे हुए हैं. मध्य प्रदेश में राज्यसभा सीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी से कौन दावेदार माना जा रहा है. आइये जानते हैं.
1. कृष्णपाल सिंह यादव (पूर्व सांसद गुना)
साल 2019 में गुना लोकसभा सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को करारी हार का मुंह दिखाया था. तभी से भारतीय जनता पार्टी में के पी यादव का दबदबा बढ़ गया है. लेकिन साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में आने के बाद इस बार के लोकसभा चुनाव में केपी यादव की जगह ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनावी मैदान में उतारा गया. सीट खाली करने और पार्टी के लिए काम करने का ईनाम भारतीय जनता पार्टी केपी यादव को दे सकती है. केपी यादव के राजनीतिक भविष्य को लेकर खुद गृहमंत्री अमित शाह भी लोकसभा चुनाव के दौरान कह चुके थे कि "चिंता करने की जरूरत नहीं है" गुना को दो नेता मिलने वाले हैं.
2. पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा
शिवराज सरकार में गृहमंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा को हाल ही में विधानसभा चुनाव में दतिया विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के बाद भी वे बीजेपी में काफी एक्टिव बने रहे. यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें न्यू ज्वाइनिंग टोली की जिम्मेदारी सौंपी थी. जिसके बाद उन्होंने हजारों की संख्या में कांग्रेसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया था. यही कारण है कि उनको लेकर पार्टी भी कोई जिम्मेदारी देना चाहती है. माना जा रहा है कि शायद बीजेपी मिश्रा को राज्यसभा भेज सकती है.
3. जयभान सिंह पवैया
जयभान सिंह पवैया ग्वालियर से सांसद रह चुके हैं. इसके साथ ही राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहने के कारण उनकी छवि हिंदूवादी नेता के तौर पर है. संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया भी राज्यसभा के लिए दावेदार माने जा रहे हैं. पवैया 2018 में विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं. तभी से किसी बड़ी जिम्मेदारी का इंतजार है. ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी राज्यसभा से पवैया को भी भेज सकती है.
इसके अलावा अगर बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी नए प्रयोगों के लिए जानी जाती रही है. यही कारण है कि इन नामों के अलावा भी पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है.