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बंगाल रेल हादसे में सिग्नल फेल, बेकाबू रफ्तार, फिर दो ट्रेनों की टक्कर… ये 10 खुलासे

 न्यू जलपाईगुड़ी

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के न्यू जलपाईगुड़ी में सोमवार को बड़ी रेल दुर्घटना हुई. अगरतला से सियालदाह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी थी. हादसे में मालगाड़ी के लोको पायलट और पैसेंजर ट्रेन के गार्ड सहित नौ लोगों की मौत हुई है जबकि 47 लोग घायल हुए हैं. इस घटना के पीछे मानवीय चूक से लेकर खराब सिग्नल को जिम्मेदार माना गया. इस ट्रेन हादसे से जुड़े दस बड़े अपडेट्स पर एक नजर:-

1) कंचनजंगा एक्सप्रेस त्रिपुरा के अगरतला से सियालदाह जा रही थी. रंगापानी स्टेशन क्रॉस करने के बाद सुबह 8.55 बजे पीछे से आ रही एक मालगाड़ी ने ट्रेन को टक्कर मार दी. ट्रेन के भीतर चीख-पुकार मच गई. ये टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दो डिब्बे पटरी से उतर गए जबकि एक डिब्बा मालगाड़ी के इंजन के ऊपर अधर में लटक गया. घटना में नौ लोगों की मौत हो गई जबकि 47 घायल हो गए.

2) इस हादसे की सूचना मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन सहित रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ राहत एवं बचाव कार्यों के लिए मौके पर पहुंचा. लेकिन लगातार हो रही बारिश की वजह से बचाव कार्य में भारी दिक्कत हुई.

3) बंगाल के रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट जंक्शन के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सोमवार सुबह 5.50 बजे से खराब था. इसी जगह मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मारी थी.

4) ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम फेल होने की वजह से रंगापानी के स्टेशन मास्टर ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को TA-912 नाम का एक लिखित नोट यानी मेमो जारी किया. सुबह 8.20 बजे कंचनजंगा एक्सप्रेस को ये मेमो जारी किया गया था. मालगाड़ी को सुबह 8.35 बजे यही मेमो जारी किया गया था. दोनों ट्रेनों को रंगापानी स्टेशन मास्टर ने TA-912 नोट जारी किया था.

5) यह नोट सिग्नलिंग सिस्टम काम नहीं करने की स्थिति में लोको पायलट को सभी रेड सिग्नल क्रॉस करने की मंजूरी देता है. अगर मालगाड़ी को ‘टीए 912' नहीं दिया गया था तो चालक को प्रत्येक खराब सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट के लिए रोकना था तथा 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ना था. इस नोट में कहा गया है कि लोको पायलट को फाटकों पर नजर रखनी होगी. गेट बंद होने पर ही लोको पायलट ट्रेन को ले जा सकता है. अगर गेट खुला है तो उसे पहले ही ट्रेन रोकनी होगी.

5) रेलवे बोर्ड ने इस रेल दुर्घटना के लिए अपने शुरुआती बयान में मालगाड़ी के चालक को जिम्मेदार ठहराया था. रेलवे बोर्ड की चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा ने कहा था कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल की अनदेखी की थी, जिस वजह से ये दुर्घटना हुई थी.

6) लोको पायलट संगठन ने रेलवे के इस बयान पर सवाल उठाया है कि चालक ने रेल सिग्नल का उल्लंघन किया. भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने कहा कि लोको पायलट की मौत हो जाने और सीआरएस जांच लंबित होने के बाद लोको पायलट को ही जिम्मेदार घोषित करना आपत्तिजनक है.

7) इस हादसे में नौ लोगों की मौत हुई है, जिनमें से अभी तक चार की पहचान नहीं हो सकी है. वही सभी घायलों के नामों की लिस्ट भी जारी कर दी गई है.

8) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे के पीड़ितों के लिए घोषित राहत राशि बढ़ाने का ऐलान किया था. इसके तहत मृतकों के परिजनों को दस लाख रुपये की राहत राशि, गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख जबकि मामूली रूप से घायल हुए लोगों को पचास हजार रुपये की राहत राशि दी जाएगी.

9) कंचनजंगा ट्रेन हादसे के बाद बड़े पैमाने पर ट्रेनों के टाइमटेबल में बदलाव किया गया था. हादसे के बाद प्रभावित रूट पर 19 ट्रेनों को डायवर्ट या रद्द कर दिया गया था.  

10) हादसे के बाद से ट्रैक को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. अब ट्रैक के सही करने के लिए स्लीपर बिछाने का काम किया जा रहा है. ट्रैक का काम पूरा होने के बाद ओएचई वायर का काम शुरू किया जाएगा.

 

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