मध्यप्रदेश

आयुष्मान कार्ड वाले मरीज हेलीकॉप्टर से जाएंगे दिल्ली-मुंबई- MP सरकार

भोपाल

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि अगर कोई आयुष्मान कार्ड धारक मरीज उज्जैन या कहीं और भर्ती है, और उसकी हालत गंभीर है तो उसे  हेलीकॉप्टर से दिल्ली-मुंबई ले जाया जाएगा।

सीएम मोहन यादव ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,  हमने तय किया है कि अगर कोई आयुष्मान कार्ड धारक मरीज उज्जैन या कहीं और भर्ती है, यदि उसकी हालत खराब है और उसे इंदौर या दिल्ली-मुंबई ले जाना है, तो हेलीकॉप्टर से निःशुल्क पहुंचाएंगे।

सीएम मोहन यादव ने कहा, 70 साल से ज्यादा उम्र के किसी भी व्यक्ति को इलाज कराना हो तो सरकार सभी प्राइवेट सरकारी अस्पतालों में 5 लाख तक का खर्च उठाएगी। इसे सेवा को उपलब्ध कराने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। इसके अलावा जिस किसी भी मरीज की हालत गंभीर होगी और उसे दिल्ली-मुंबई  या इंदौर ले जाने के लिए कहा जाएगा तो उसके लिए हेलीकॉप्टर आएगा और उसे नि:शुल्क पहुंचाया जाएगा।

इससे पहले सीएम मोहन यादव ने हेल्दी मध्यप्रदेश इनिशिएटिव अभियान की शुरुआत की। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश भर के युवाओं को लाइफस्टाइल जनित बीमारियों से बचाने के लिए प्रीवेंटिव हेल्थ के टेस्ट किए जाएंगे। आवश्यक होने पर डॉक्टर कंसल्टेशन एवं लाइफस्टाइल बेहतर करने के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस अभियान की तारीफ करते हुए कहा स्वस्थ शरीर से ही आध्यात्मिक उन्नति संभव है। इससे पहले हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान के तहत शहर के ढाई लाख लोगों के टेस्ट किए गए थे, जिसमें से करीब आधी आबादी गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकती है। इस संदर्भ में जनवरी 2024 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडवीया की उपस्थिति में एक कार्यक्रम हुआ था और इंदौर के प्रीवेंटिव हेल्थ केयर मॉडल को देश भर में ले जाने की बात मंत्री ने कही थी। कार्यक्रम में उपस्थित नगरीय प्रशासन विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस अभियान की तारीफ की और स्वस्थ रहने पर बल दिया।

5 बीघा जमीन बेचकर महिला ने कराया घाट का निर्माण, सीएम मोहन ने दिया सम्मान

मुख्यमंत्री ने उज्जैन की महिला को सम्मानित किया जिन्होंने 5 बीघा जमीन बेचकर घाट का निर्माण कराया। उन्होंने कहा, निनोरा गांव की सीता बाई जी जल संरचनाओं की व्यवस्थाओं के लिए उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इन्होंने अपनी 5 बीघा जमीन बेचकर 3 करोड़ रुपए की लागत से जनहित में पक्के घाट का निर्माण करवाया है, यह प्रेरणा सबको मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा, उज्जैन में 28 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत के 2,700 से अधिक विभिन्न प्रकार के निर्माण और जीर्णोंद्धार के काम हुए। हमने निर्देश जारी किए गए हैं कि जहां कहीं तालाब या नदी का गहरीकरण होगा, तो रॉयल्टी की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिन किसानों को मिट्टी चाहिए, वो उसे ले जा सकते हैं।

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