साउथ अफ्रीका के खिलाफ स्मृति मंधाना ने 6 साल बाद लगाया शतक, 33 की उम्र में इस खिलाड़ी का डेब्यू, SA को हराया
मुंबई
सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना के छठे शतक के बाद गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन भारत ने रविवार को यहां तीन मैचों की श्रृंखला के पहले एकदिवसीय मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 143 रन से शिकस्त दी।
भारत ने आठ विकेट पर 265 रन बनाने के बाद दक्षिण अफ्रीका की पारी को 37.4 ओवर में 122 रन पर समेट दिया। भारतीय टीम के लिए पदार्पण कर रही शोभना आशा ने चार विकेट चटकाये। दक्षिण अफ्रीका के लिए अनुभवी सुने लूस ने 33 और मरीजान काप ने 24 रन का योगदान दिया। दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 39 रन की साझेदारी टूटने के बाद भारतीय गेंदबाज पूरी तरह से हावी हो गये।
भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी का फैसला करने के बाद 99 रन पर पांच विकेट गंवाकर मुश्किल में थी लेकिन मंधाना ने 127 गेंद में 117 रन की पारी खेल टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। उन्होंने अपनी पारी में 12 चौके और एक छक्का लगाने के अलावा दीप्ति शर्मा (37) के साथ छठे विकेट के लिए 92 गेंद में 81 रन और पूजा वस्त्राकर (नाबाद 31) के साथ सातवें विकेट के लिए 54 गेंद में 58 रन की अर्धशतकीय साझेदारियों से टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला।
दीप्ति ने 48 गेंद की पारी में तीन चौके लगाये। पूजा ने भी 42 गेंद की नाबाद पारी में तीन चौके जड़े। बल्ले से प्रभाव छोड़ने के बाद दोनों ने गेंद से भी अच्छा प्रदर्शन करते किया। दीप्ति ने दो तो वही पूजा ने एक विकेट हासिल की। दक्षिण अफ्रीका के लिए अयाबोंग खाका ने 47 रन देकर तीन जबकि मसाबाटा क्लास ने 51 रन देकर दो विकेट चटकाये। अनरी डर्कसन, नोनकुलुलेको म्लाबा और नोंडुमिसो शंघासे को एक-एक सफलता मिली।
लक्ष्य का बचाव करते हुए रेणुका सिंह (30 रन पर एक विकेट) ने पहले ओवर में ही कप्तान लॉरा वुलफार्ट (चार) को बोल्ड कर भारत को शानदार शुरुआत दिलायी। पूजा ने अन्नेका बोश (पांच) को पगबाधा किया तो वहीं दीप्ति ने 10वें ओवर में तेजमिन ब्रिट्स (18) को चलता कर दक्षिण अफ्रीका को तीसरा झटका दिया। महज 33 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद लूस और काप ने संभल कर बल्लेबाजी की और अगले 10 ओवर तक भारतीय गेंदबाजों को विकेट से दूर रखा।
आशा ने काप को कप्तान हरमनप्रीत के हाथों कैच कराकर इस साझेदारी को तोड़ा। दीप्ति ने लूस को पगबाधा कर दक्षिण अफ्रीका की वापसी की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया। विकेटकीपर बल्लेबाज सिनालो जाफ्ता (नाबाद 27) ने हरमनप्रीत और राधा के खिलाफ चौके लगाये लेकिन आशा ने दूसरे छोर से आखिरी तीनों विकेट चटकाकर भारत की जीत पक्की कर दी। चिन्नास्वामी स्टेडियम की धीमी पिच से सामंजस्य बिठाने के लिए मंधाना ने अपना आक्रामक खेल छोड़कर समझदारी से बल्लेबाजी की। भारतीय शीर्ष क्रम की बल्लेबाज शेफाली वर्मा (सात), कप्तान हरमनप्रीत कौर (10) और जेमिमा रोड्रिग्स (17) ने आसानी से विकेट गंवा दिये।
मंधाना ने एक छोर संभाले रखा। भारत ने ऋचा घोष (तीन) के रूप में अपना पांचवां विकेट गंवाया था। बायें हाथ की बल्लेबाज मंधाना ने समझदारी दिखाते हुए जोखिम लिये बिना दौड़कर रन चुराने पर ध्यान दिया और 23वें ओवर में शंघासे की गेंद पर तीन रन लेकर 61 गेंद में अपना पचासा पूरा किया। मंधाना को दूसरे छोर से दीप्ति का अच्छा साथ मिला। दीप्ति ने अपनी पारी के तीनों चौके शंघासे की गेंद पर जड़े। वह हालांकि खाका की ऑफ स्टंप से बाहर की गेंद पर अपने विकेटों पर खेल बैठी।
मंधाना इसके बाद तेज गेंदबाज क्लास के खिलाफ शानदार छक्का जड़कर 99 रन के स्कोर पर पहुंची। उन्होंने अगली गेंद पर एक रन दौड़कर 116 गेंद में अपना शतक पूरा किया। शतक पूरा करने के बाद उन्होंने खाका के खिलाफ दो चौके जड़ रन गति बढाई। दूसरे छोर से पूजा ने डर्कसन के दो ओवरों में दो चौके जड़े। इस बीच क्लास के खिलाफ मंधाना बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में सुने लुस को कैच दे बैठी। शोभना आशा (नाबाद आठ) ने आखिरी ओवर में चौके के साथ टीम को 260 रन के पार पहुंचाया।