विकसित उत्तर प्रदेश की ओर तेज कदम बढ़ा रहा यूपी, स्वास्थ्य, निवेश और सुशासन पर है फोकसः मुख्यमंत्री

विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश के लिए सरकार को अब तक 98 लाख से अधिक नागरिकों के सुझाव प्राप्त हुए हैं, 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयार की जा रहीं नीतियांः योगी
लखनऊ,
विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, विकास कार्यों की गति और विकसित उत्तर प्रदेश के रोडमैप को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि सरकार की इच्छाशक्ति पहले दिन जैसी ही मजबूत है और योजनाओं को अब टोकन फंडिंग नहीं, बल्कि ठोस वित्तीय प्रावधानों के साथ ज़मीन पर उतारा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों का उल्लेख करना आवश्यक है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर अब 81 हो चुकी है। आपके क्षेत्र में भी माधव बाबू के नाम पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया है। पहले स्थिति यह थी कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मरीज को मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता था तो उसे गोरखपुर भेज दिया जाता था, फिर एम्स या लखनऊ आना पड़ता था। इससे मरीज और उसके परिजनों को भारी परेशानी होती थी। अब हमने इस व्यवस्था को समाप्त किया है। सभी मेडिकल कॉलेजों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि रेफर करने की आदत छोड़कर वहीं उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें, और इस दिशा में कार्य भी हो रहा है। यह प्रदेश का 81वां मेडिकल कॉलेज है। अमेठी जैसे क्षेत्र, जहां वर्षों तक कांग्रेस का प्रभाव रहा, वहां भी मेडिकल कॉलेज नहीं बन पाया, जबकि अब हमारी सरकार ने वहां यह कार्य प्रारंभ किया है। मैं मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने भूमि उपलब्ध कराई और वहां मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ। इस सत्र में वहां कक्षाएं भी प्रारंभ हो चुकी हैं। बलिया में भी मेडिकल कॉलेज की दिशा में कार्य प्रगति पर है। सरकार ने भूमि प्रस्ताव शीघ्र मंगवाया है और धन की व्यवस्था भी कर दी गई है। बलिया में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा।
अब तक 98 लाख से अधिक लोगों ने विकसित उत्तर प्रदेश के लिए अपने सुझाव साझा किए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं एक और महत्वपूर्ण विषय का उल्लेख करना चाहूंगा। पिछले सत्र में 13–14 अगस्त को इस सदन में ‘विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश’ विषय पर व्यापक और सार्थक चर्चा हुई थी। इस चर्चा के बाद प्रदेशभर के लगभग 300 बुद्धिजीवियों के साथ विचार-विमर्श किया गया और उन्हें विभिन्न संस्थानों में भेजकर इस विषय पर संवाद कराया गया। इसके बाद एक पोर्टल विकसित किया गया, जिसके माध्यम से प्रदेश की जनता से सुझाव आमंत्रित किए गए। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि अब तक 98 लाख से अधिक लोगों ने विकसित उत्तर प्रदेश के लिए अपने सुझाव साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि 2047 में प्रधानमंत्री के विकसित भारत के विजन के अनुरूप विकसित उत्तर प्रदेश कैसे बने, इस विषय पर प्राप्त सुझावों को लेकर हम आईआईटी कानपुर के सहयोग से विभिन्न सेक्टरों में कार्य कर रहे हैं।
सरकार की इच्छाशक्ति आज भी पहले दिन जैसी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि सरकार की इच्छाशक्ति पहले दिन जैसी थी, आज भी वैसी ही है और उसी दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। सप्लीमेंट्री डिमांड्स में भी उन्हीं क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जहां वास्तविक आवश्यकता थी। अब सरकार टोकन मनी की नीति पर नहीं चलती। पहले 25 करोड़ की सड़क के लिए मात्र 1 लाख रुपये जारी कर दिए जाते थे, जिससे काम संभव ही नहीं था। अब सरकार ने स्पष्ट नीति तय की है कि एक साथ 40 से 50 प्रतिशत धनराशि जारी की जाएगी और 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण होते ही अगली किस्त जारी की जाएगी, जिससे कार्यों की गति बनी रहे। कार्ययोजना और डीपीआर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब कार्यों के क्रियान्वयन में तेजी लाई जा रही है। वर्ष 2024–25 और 2025–26 में विकास की यह गति और अधिक तेज होती हुई दिखाई देगी।
मुख्यमंत्री का शायराना अंदाज
मुख्यमंत्री ने सदन में अपनी बात की शुरुआत और अंत दोनों शायरी के साथ किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए पूछा था कि…'इधर उधर की न बात कर, ये बता कि काफिला क्यों लुटा'…वहीं, सीएम ने अपने संबोधन के अंत में नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि अनावश्यक नकारात्मकता से बचें। हर विषय को जाति या संकीर्ण दृष्टि से देखने की आदत प्रदेश के हित में नहीं है। उत्तर प्रदेश को जितना नुकसान पहले हो चुका है, उससे अब बचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अंत में यही कहूंगा कि…
राह में मुश्किल हों हजार,
तुम दो कदम बढ़ाओ तो सही,
हो जाएगा हर सपना साकार,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश के जो सपने इस सदन ने देखे हैं, उन्हें साकार करने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है।




