मध्यप्रदेश

झाबुआ में जल संरक्षण, सिंचाई और धार्मिक पर्यटन को नई दिशा

भोपाल.
महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश शासन किसानों की आय वृद्धि, जल संरक्षण और क्षेत्रीय विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए निरंतर कार्य कर रहा है। इसी क्रम में जल संसाधन विभाग द्वारा झाबुआ जिले में नवीन जल संसाधन परियोजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे पेटलावद क्षेत्र सहित पूरे जिले के विकास को नई गति मिलेगी।

सुश्री भूरिया ने बताया कि पेटलावद क्षेत्र में 15.8 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विभिन्न जल संसाधन परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर लगभग 480 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। स्वीकृत योजनाओं में मुंडत बैराज (लागत 5.99 करोड़ रुपये) से 360 हेक्टेयर तथा मुकामपुरा तालाब नहर रहित योजना (लागत 3.53 करोड़ रुपये) से 120 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने आगे बताया कि माही नदी पर स्थित श्रृंगेश्वर घाट के निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य हेतु 628.21 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इस परियोजना से नदी तटों का संरक्षण सुनिश्चित होगा तथा धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जल संसाधनों के समुचित उपयोग के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है। श्रृंगेश्वर घाट का विकास क्षेत्र की धार्मिक आस्था को सुदृढ़ करेगा और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक अवसरों का विस्तार होगा।

सुश्री भूरिया ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वीकृत परियोजनाएं झाबुआ जिले के किसानों, युवाओं और स्थानीय समुदाय के लिए दीर्घकालीन लाभकारी सिद्ध होंगी तथा जिले की विकास यात्रा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।

 

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