घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए घर में रखें बांसुरी
घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए हम और आप न जाने कितने प्रयास करते रहते हैं, परन्तु कई बार हमारे न चाहते हुए भी परिवार में अशांति का माहौल बन जाता है और हमें समस्या का समाधान नजर नहीं आता। वास्तु शास्त्र की मानें तो इन समस्याओं के समाधान के लिए घर में बांसुरी रखिए, इसको रखने से घर में कई प्रकार के वास्तु दोष दूर होंगे और घर में खुशहाली बनी रहेगी। भगवान श्रीकृष्ण हर पल बांसुरी को अपने साथ रखते थे। प्रेम और शांति का संदेश देने वाली बांस की बांसुरी उनकी शक्ति थी। वास्तु के अनुसार माना जाता है कि जिस घर में लकड़ी की बांसुरी होती है वहां श्रीकृष्ण रहते हैं,जिससे उनकी कृपा आपके ऊपर सदैव बनी रहेगी,घर में कभी भी धन एवं ऐश्वर्य की कमी नहीं होगी।
बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय है इसलिए यह अति पवित्र और पूज्यनीय है। बांसुरी सम्मोहन, ख़ुशी व आकर्षण का प्रतीक मानी गई है। हर कोई इसकी मधुर धुन से आकर्षित हो जाता है। बांसुरी बजाने पर उससे उत्पन्न होने वाली ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, मन में आनंद की अनुभूति होती है। बांसुरी का स्वर प्रेम बरसाता है इसलिए जिस घर में यह होती है या इसके स्वर गूंजते हैं उस परिवार में परस्पर प्रेम और उल्लास सदैव बना रहता है।
घर में कहां रखें बांसुरी
बांसुरी शांति व समृद्धि का प्रतीक मानी गई है अतः घर के मुख्य द्वार पर बांस की सुन्दर सी बांसुरी लटकाना समृद्धि को आमंत्रित करेगा जिससे परिवार पर श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहेगी एवं आर्थिक तंगी दूर होने में मदद मिलेगी।
यदि मानसिक तनाव अधिक रहता हो या पति-पत्नी के बीच अनबन रहती हो, तो सोते समय सिरहाने से बांसुरी रखने से लाभ होगा।
घर में बांसुरी ऐसे स्थान पर रखनी या लगानी चाहिए जहां से बार-बार आपकी नजर उस पर पड़े। ऐसा करने से सकारात्मक विचारों में वृद्धि होकर आपको कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
यदि घर में कोई सदस्य बीमार रहता है तो उसके कमरे के दरवाजे के ऊपर अथवा सिरहाने बांसुरी रखने से स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
अगर आपका व्यापार ठीक नहीं चल रहा हो तो अपने कार्यालय या दुकान के मुख्य द्वार के ऊपर दो बांसुरी लगाएं।
आध्यात्मिक रूप से उन्नति के लिए या फिर किसी प्रकार की साधना में सफलता की पूर्ति के लिए अपने पूजा घर के दरवाजे पर बांसुरी लगाने से शीघ्र ही सफलता प्राप्त होगी। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बांसुरी कभी भी सीधी नहीं लगानी चाहिए बल्कि इसे तिरछा लगाना शुभ परिणाम देता है।