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ओवरी कैंसर के 5 शुरुआती लक्षण: समय रहते पहचानें और सावधान रहें

कैंसर का नाम सुनते ही हर किसी की रूह कांप जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं में होने वाला एक खास कैंसर अक्सर शुरुआत में सामान्य सी परेशानियों में छिप जाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं ओवेरियन कैंसर की. यह ओवेरियन कैंसर इतना खतरनाक होता है कि शुरुआती दौर में इसके लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो जाता है.

ओवेरियन कैंसर, महिलाओं को प्रभावित करने वाला एक गंभीर कैंसर है. चूंकि इसके शुरुआती दौर में लक्षण अस्पष्ट होते हैं, अक्सर इसका पता देर से चल पाता है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ शुरुआती संकेतों पर ध्यान देकर आप इस बीमारी का जल्दी पता लगा सकती हैं और इलाज करवाकर स्वस्थ रह सकती हैं. आइए जानते हैं ओवेरियन कैंसर के 5 शुरुआती लक्षणों के बारे में.

पेट में दर्द और सूजन

यह ओवेरियन कैंसर का सबसे आम लक्षण है. पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द या असुविधा, खासकर भोजन के बाद या पीरियड्स के आसपास,  इस बीमारी का संकेत हो सकता है. साथ ही, पेट में अक्सर सूजन या फूला हुआ महसूस होना भी एक लक्षण है.

जल्दी पेट भर जाना और भूख कम लगना

अगर आप थोड़ा खा लेने के बाद ही पेट भर गया महसूस करती हैं और भूख भी कम लगती है, तो इसे नजरअंदाज न करें. यह भी ओवेरियन कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है.

बार-बार पेशाब आना

अगर आपको बिना किसी कारण के बार-बार पेशाब आता है, खासकर रात में, तो यह ओवेरियन कैंसर का लक्षण हो सकता है.

कब्ज या दस्त

कब्ज या दस्त, जो बिना किसी कारण के अचानक शुरू हो जाते हैं और जिन्हें आपकी डाइट या डेली रूटीन में बदलाव से जोड़कर नहीं समझा जा सकता, वो भी ओवेरियन कैंसर के संकेत हो सकते हैं.

असामान्य ब्लीडिंग

यदि आपको पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग होती है या मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होती है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. यह ओवेरियन कैंसर का लक्षण हो सकता है.
यह लक्षण सिर्फ ओवेरियन कैंसर के ही नहीं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के भी हो सकते हैं. लेकिन इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से सलाह जरूर करें. जल्दी जांच और इलाज से इस गंभीर बीमारी को मात देना संभव है.
अपने आप को स्वस्थ कैसे रखें?

* नियमित रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएं, खासकर अगर आप 50 वर्ष से अधिक उम्र की हैं.
* अगर आपके परिवार में ओवेरियन कैंसर का इतिहास रहा है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें.
* स्वस्थ वजन बनाए रखें.
* नियमित व्यायाम करें.
* धूम्रपान से बचें.
* पौष्टिक डाइट लें.

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