health

आम के केमिकल से पके होने की पहचान: सुरक्षित और प्राकृतिक आम चुनने के टिप्स

गर्मियों का मौसम है और यह आम का सीजन भी है। आम भला किसे पसंद नहीं है लेकिन क्या आपको मालूम है कि खतरनाक केमिकल से कृत्रिम रूप से पकाए गए आम आपका स्वास्थ्य बिगाड़ सकते हैं? आम खरीदने से पहले यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि आपका आम FSSAI के तय मानकों के अनुसार ही कृत्रिम रूप से पकाया गया है या नहीं।

ध्यान रहे की रसीले आम सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, अगर इन्हें कैल्शियम कार्बाइड (Calcium carbide) जैसे हानिकारक रसायनों से पकाया गया हो। आम पकाने के ऐसे गलत तरीकों पर FSSAI ने सख्ती से रोक लगा दी है। ये रसायन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।

याद रखें आपके आम प्राकृतिक रूप से पके हुए हों या फिर FSSAI की गाइडलाइंस के अनुसार पकाए गए हों। अगर को ऐसे गलत तरीकों से आम पका रहा है, तो समझ लें वो आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

कैल्शियम कार्बाइड क्या है?

कैल्शियम कार्बाइड, जिसे चूना पत्थर भी कहा जाता है, एक रासायनिक यौगिक है जिसका सूत्र CaC2 होता है। यह काले रंग का ठोस पदार्थ होता है जो पानी में घुलने पर एसिटिलीन गैस (C2H2) छोड़ता है। एसिटिलीन गैस ज्वलनशील होती है और इसका इस्तेमाल वेल्डिंग और धातु काटने में किया जाता है।

क्यों होता है कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल?

फलों को पकाना: कुछ लोग कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल फलों को जल्दी पकाने के लिए करते हैं। यह तरीका खतरनाक और गैरकानूनी है क्योंकि इससे फल जहरीले हो सकते हैं।

कैल्शियम कार्बाइड के नुकसान क्या हैं?

कैल्शियम कार्बाइड की धूल सांस लेने से खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। गंभीर मामलों में, इससे श्वसन विफलता और मृत्यु भी हो सकती है। कैल्शियम कार्बाइड त्वचा और आंखों को जला सकता है। कुछ अध्ययनों में कैल्शियम कार्बाइड के संपर्क में आने और फेफड़ों के कैंसर के खतरे में वृद्धि के बीच संबंध पाया गया है।

पेट और आंत की समस्याएं

कैल्शियम कार्बाइड से आर्सेनिक और फास्फोरस हाइड्राइड के अवशेष पेट और आंत की समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जिससे पेट में दर्द, मतली, उल्टी और दस्त हो सकते हैं।

कैंसर का भी खतरा

फल जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल बहुत खतरनाक है। इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें कैंसर और त्वचा संबंधी समस्याएं भी शामिल हैं। कैल्शियम कार्बाइड इस्तेमाल करने से फलों में आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसे तत्व रह जाते हैं। ये तत्व शरीर में जमा होते रहते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा देते हैं।

कैल्शियम कार्बाइड से पकाए फलों की पहचान कैसे करें?

दिक्कत ये है कि कई बार फलों को देखकर ये पता लगाना मुश्किल होता है कि उन्हें कैल्शियम कार्बाइड से पकाया गया है या नहीं। कुछ आसान तरीके जिनकी मदद से आप ऐसे फलों की पहचान कर सकते हैं:

एक समान रंग: कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों का रंग बिल्कुल एक समान होता है। पूरे फल पर एक ही तरह का, अस्वाभाविक रंग नजर आता है।
असमान्य चमक: इन फलों पर अक्सर एक अस्वाभाविक चमक या चिकनापन होता है।
खुशबू की कमी: प्राकृतिक रूप से पके फलों में एक खास खुशबू होती है, जो कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों में नहीं होती।
अजीब स्वाद या गंध: कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों में अजीब सा स्वाद या गंध हो सकता है, जो प्राकृतिक रूप से पके फलों से अलग होता है।
कठोरता: कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों की कठोरता भी प्राकृतिक रूप से पके फलों से अलग हो सकती है। ये फल ज्यादा नरम या दबाने पर गीले लग सकते हैं।
अवशेष: कभी-कभी कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों पर गौर से देखने पर छिलके पर हल्का सा अवशेष भी नजर आ सकता है।

कैल्शियम कार्बाइड से पके आम की ऐसे करें पहचान

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी के खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के शोधकर्ताओं की एक टीम ने फलों को पकाने में इस्तेमाल होने वाले कैल्शियम कार्बाइड की पहचान करने का आसान तरीका ढूंढ निकाला है। इस तरीके में उन्होंने एक विशेष घोल (बायो-फंक्शनलाइज गोल्ड नैनोपार्टिकल्स से बना) तैयार किया है। जब इस घोल को धोए हुए फलों के पानी में मिलाया जाता है, तो घोल का रंग बदल जाता है, अगर फल को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड इस्तेमाल किया हो।

फल को 10 मिलीलीटर पानी से धोएं

फिर 1 मिलीलीटर धोने के पानी को लेकर कांच की टेस्ट ट्यूब में डालें
इसमें उतनी ही मात्रा में इस विशेष घोल को मिलाएं
अगर घोल का रंग बदलकर लाल से बैंगनी हो जाता है, तो फल को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड इस्तेमाल किया गया था।
इस जांच की लागत 20 पैसे से भी कम है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button