देश

मोहन भागवत बोले -मणिपुर शांति की राह देख रहा, बहाल करना प्राथमिकता होनी चाहिए

 नागपुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को संघर्षग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की स्थिति पर चिंता जताई। मणिपुर पिछले साल तीन मई से बड़े पैमाने पर अशांति से प्रभावित है।
मोहन भागवत ने नागपुर में आरएसएस प्रशिक्षुओं (ट्रेनी) के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा, "मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। हिंसा को रोकना होगा और इसे प्राथमिकता देनी होगी।"

मणिपुर हिंसा पर मोहन भागवत की टिप्पणी लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के छह दिन बाद आई है। उन्होंने देश में हाल के चुनावों के दौरान गलत बयानबाजी के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त की।

मोहन भागवत ने विपक्ष का नाम लिए बगैर संविधान में बदलाव और पिछड़ी जाति के समुदायों के लिए आरक्षण खत्म करने के विपक्ष के आरोपों का जिक्र किया।

उन्होंने आगे कहा, "हमने कई क्षेत्रों में प्रगति की है जैसे- अर्थव्यवस्था, रक्षा, खेल, संस्कृति, प्रौद्योगिकी आदि। इसका मतलब यह नहीं है कि हमने सभी चुनौतियों पर काबू पा लिया है। चुनावी अभियान के दौरान 'शालीनता और मर्यादा' का अभाव था, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।"

उन्होंने उम्मीद जताई की कि संसद में सौहार्दपूर्ण माहौल रहेगा। कम्पटीशन की संभावना है, लेकिन इसे युद्ध में नहीं बदलना चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि चुनाव आम सहमति बनाने की एक प्रक्रिया है।

मोहन भागवत ने कहा कि संसद के दो पक्ष हैं, इसलिए किसी भी सवाल के दोनों पहलुओं पर विचार किया जा सकता है।

उन्होंने बीते दस सालों में सरकार की भूमिका की भी सराहना की। साथ ही कहा कि भारत ने आर्थिक मोर्चे, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल की है।

भारत ने हर चुनौती को स्वीकार किया है और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त की है। अब चुनाव खत्म हो चुके हैं, इसलिए ध्यान देश के सामने मौजूदा चुनौतियों की तरफ होना चाहिए और उन पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने देश के लोगों से पारिवारिक मूल्यों को बनाए रखने का आह्वान किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button