पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने किया खुलासा- अभिनंदन के लिए ट्रंप ने किया था इमरान खान को फोन
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पूर्व केंद्रीय मंत्री फवाद चौधरी ने एक बड़ा खुलासा किया है। चौधरी ने दावा किया कि भारतीय पायलट अभिनंदन की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फोन किया था। इस दौरान ट्रंप ने अभिनंदन को तत्काल रिहा करने और भारत वापस भेजकर तनाव खत्म करने को कहा था। 2019 में भारतीय और पाकिस्तान वायु सेना ने डॉग फाइट में एक दूसरे के फाइटर जेट को गिरा दिया था। भारतीय पायलट अभिनंदन का विमान पाकिस्तानी क्षेत्र में क्रैश हुआ था, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। बाद में पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा कर दिया था। इसे भारत की बड़ी कामयाबी माना गया था।
फवाद चौधरी ने पाकिस्तान के आज न्यूज के कार्यक्रम रूबरू में बात करते हुए कहा कि अभिनंदन की गिरफ्तारी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फोन आया था और तनाव खत्म करने की गुजारिश की थी। चौधरी ने दावा किया कि ट्रंप ने इस संकट के लिए भारत को ही जिम्मेदार ठहराया था लेकिन साथ ही कहा कि इसे अब और बढ़ाने की बहुत जरूरत नहीं है।
ट्रंप और मोदी के रिश्तों के बारे में किया दावा
चौधरी ने ये भी कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में डोनाल्ड ट्रंप की धारणा बहुत अच्छी नहीं थी। उन्होंने कहा कि ट्रंप मोदी के बारे में नकारात्मक नजरिया रखते थे। चौधरी ने ये भी कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास उस समय दोनों देशों के बीच मामलों को सुलझाने का मौका था, क्योंकि इमरान खान उस समय रिश्तों को सुधारने के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा कि अच्छे रिश्ते पाकिस्तान और भारत दोनों के लिए फायदेमंद हैं।
ट्रंप ने क्या कहा था?
अभिनंदन का विमान क्रैश होने और हिरासत में लिए जाने के बाद अमेरिका के साथ ही दुनिया की कई शक्तियों ने भारत से दोस्ती के चलते पाकिस्तान के ऊपर दबाव बनाया था। ट्रंप ने अभिनंदन की गिरफ्तारी के एक दिन बाद कहा था कि अमेरिका मध्यस्थता के प्रयासों में शामिल है। उन्होंने कहा था कि हम उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं। हम दोनों की मदद करने की कोशिश में हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि जल्द ही अच्छी खबर आ सकती है। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बिना किसी शर्त अभिनंदन को रिहा करने की घोषणा की थी। इमरान खान ने इसे शांति की उनकी पेशकश कहा था।