सावन की विनायक चतुर्थी कल: जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। सावन की विनायक चतुर्थी का व्रत कल यानी 28 जुलाई को रखा जाएगा। इस बार सावन विनायक चतुर्थी पर विशेष संयोग बनने वाला है। इस तिथि पर सोमवार पड़ रहा है और साथ ही रवि योग का निर्माण भी होगा, जिसमें भगवान गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी रहने वाला है। इस दिन लोग व्रत रखकर गणपति बप्पा की पूजा करते हैं, जिससे सभी कार्य सफल होते हैं। हालांकि, विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना वर्जित होता है। चलिए आपको बताते हैं कि आप किस मुहूर्त में गणपति बप्पा की आराधना कर सकते हैं।
सावन विनायक चतुर्थी व्रत 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन शुक्ल चतुर्थी तिथि की शुरुआत 27 जुलाई को रात 10:41 मिनट से होगी। वहीं, यह तिथि 28 जुलाई सोमवार को रात 11:24 मिनट पर समाप्त होगी।ऐसे में सावन विनायक चतुर्थी का व्रत 28 जुलाई को रखा जाएगा।
सावन विनायक चतुर्थी पर विशेष संयोग
इस बार विनायक चतुर्थी पर सावन का तीसरे सोमवार संयोग बना रहा है।इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती के साथ श्री गणेश की पूजा की जाएगी। ऐसे में विनायक चतुर्थी पर आप पूरे शिव परिवार का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
सावन विनायक चतुर्थी पूजा मुहूर्त
सावन विनायक चतुर्थी पर पूजा मुहूर्त 28 जुलाई को सुबह 11:06 मिनट से दोपहर 1:49 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस दिन विनायक चतुर्थी पूजा के लिए आपको 2 घंटे 43 मिनट का शुभ समय मिलेगा। सावन विनायक चतुर्थी पर रवि योग बना रहा है, जो कि 28 जुलाई को सुबह में 5:40 मिनट से लेकर शाम को 5:35 मिनट तक रहेगा। आप रवि योग में भी शिव परिवार की आराधना कर सकते हैं।
विनायक चतुर्थी पर भद्रा का साया
सावन विनायक चतुर्थी के दिन भद्रा का साया भी रहेगा, जो इस दिन करीब 12 घंटे रहेगी। 28 जुलाई को भद्रा सुबह 10:57 मिनट से रात 11:24 मिनट तक रहेगी। ऐसे में भद्रा के समय में शुभ कार्य नहीं होंगे, लेकिन गणेश जी की पूजा की जा सकती है।
चंद्र दर्शन करना वर्जित
विनायक चतुर्थी पर चंद्रोदय 28 जुलाई को सुबह 8:55 मिनट पर होगा।वहीं चंद्रास्त रात 9:34 मिनट पर होगा। विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करना वर्जित होता है। इसलिए इस दौरान चंद्रमा को देखने से बचें।




