मध्यप्रदेश

राज्य के स्कूल-कॉलेज के सिलेबस में शामिल होगा अहिल्याबाई होल्कर का इतिहास, सीएम का बड़ा ऐलान

इंदौर

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने  कहा कि उनकी सरकार होल्कर शासक देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से जुड़ी घटनाओं को स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएगी. इंदौर में 'लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी समारोह' के उद्घाटन के अवसर पर यादव ने कहा कि राज्य सरकार देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक दस्तावेजों पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित करेगी. उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा.

सीएम ने यह बात पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के सुझाव का समर्थन करते हुए कही. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि चूंकि लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए वे कोई औपचारिक घोषणा नहीं कर रहे हैं. यादव ने देवी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा देश भर में चार धामों और 12 ज्योतिर्लिंगों में किए गए निर्माण कार्यों का उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने सुशासन की अमिट छाप छोड़ी है.

इस अवसर पर बोलते हुए महाजन ने कहा कि होल्कर राजवंश के शासनकाल के दौरान इस्तेमाल की गई मराठी लिपि में लिखे गए ऐतिहासिक दस्तावेजों को डिजिटल रूप से सहेजा जाना चाहिए और विभिन्न भाषाओं में उनका अनुवाद किया जाना चाहिए. शास्त्रीय नृत्यांगना और राज्यसभा सदस्य डॉ. सोनल मानसिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में किसी प्रमुख स्थल, पार्क, बैठक स्थल या सड़क का नाम देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, "दिल्ली की सड़कों से बाबर, अकबर और शाहजहां के नाम हटा दिए जाने चाहिए और स्थानों का नाम देवी अहिल्याबाई होल्कर जैसी महान भारतीय महिलाओं के नाम पर रखा जाना चाहिए."

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