धर्म

11 नवंबर को हनुमान जयंती, इस विशेष पूजन विधि से बरसेगी बजरंगबली की कृपा, शनि दोष होगा दूर

11 नवंबर को हनुमान जयंती  है जहां भगवान राम के चौदह वर्ष के वनवास से अयोध्या नगरी लौटने की खुशी में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है,  वहीं उनके परम सेवक हनुमान जी का भी जन्मोत्सव ठीक एक दिन पहले यानी छोटी दिवाली के दिन मनाया जाता है. इसी दिन नरक  चतुर्दशी भी मनाई जाती है.

साल में दो बार पड़ती है हनुमान जयंती

हनुमान जयंती साल में दो बार पड़ती है. एक चैत्र मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन और दूसरी कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन. पहनी हनुमान जयंती इसीलिये मनाई जाती हैं क्योंकि उस दिन हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था. वहीं दूसरी हनुमान जयंती दिवाली के एक दिन पहले इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन माता सीता ने हनुमान जी के समर्पण और भक्ति भाव को देखकर उन्हें अमरता का वरदान दिया था. इस लिए वर्ष में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है.

हनुमान जयंती की पूजन विधि

इस दिन भक्त हनुमान जी को सिंदूर या लाल वस्त्र,, फूल की माला, गुलाब, लड्डू, हलवा और केला चढ़ाकर उनकी पूजा करते हैं. इस दिन कई जुलूस और धार्मिक समारोहों का आयोजन किया जाता है. हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का बहुत महत्व है. इस दिन शनिवार पड़ने की वजह से इसका महत्व और बढ़ गया है. इस दिन हनुमान जी की पूजा – अर्चना करने से व्यक्ति को जीवन में संकटो से मुक्ति और सुख-शांति की प्राप्ति होती है.

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि गृह का अशुभ प्रभाव होता है तो इस दिन विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा करने से उसे इससे छुटकारा मिल जाता है. शनि देव दोष या शनि से जुड़ी समस्यांए दूर करने के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है. इस दिन बजरंगबली की आराधना करने से  नकारात्मक ऊर्जा और भूत-प्रेत जैसी परेशानियों से भी मुक्ति मिल जाती है. इस दिन हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ जरूर करना चाहिए.

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