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बांग्लादेश के तटीय हिस्सों में ‘रेमल’ का कहर, सात की जान गई और बिजली ठप

ढाका,
 चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने के बाद कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी और लाखों लोगों को बिना बिजली के रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। ‘रेमल’ के तट से टकराने पर 120 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और सैकड़ों गांवों में पानी भर गया।

मौसम विभाग ने बताया कि ‘रेमल’ सोमवार की सुबह थोड़ा कमजोर हुआ और हवा की गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गयी।

चक्रवाती तूफान रविवार मध्यरात्रि तट से टकराया था।

विभाग ने बताया कि सुबह साढ़े पांच बजे सागर द्वीप से 150 किलोमीटर उत्तरपूर्व में स्थित चक्रवाती तूफान की वजह से मूसलाधार बारिश हुई। हालांकि उत्तरपूर्व की दिशा में आगे बढ़ते हुए ‘रेमल’ कमजोर पड़ने लगा।

‘रेमल’ इस वर्ष के मानसून के मौसम से पहले बंगाल की खाड़ी में बना पहला चक्रवाती तूफान है। मानसून का मौसम जून से सितंबर तक रहता है। हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों का नामकरण करने वाली प्रणाली विश्व मौसम विज्ञान संगठन ( डब्ल्यूएमओ) के अनुसार, ओमान ने चक्रवात का नाम ‘रेमल’ (अरबी में रेत) रखा है।

चक्रवाती तूफान के साथ तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई, जिसका प्रभाव बारिसल, भोला, पटुआखली, सतखिरा और चट्टोग्राम सहित अन्य क्षेत्रों में दिखा।

पटुआखली में अपनी बहन और चाची को आश्रय स्थल लाने के लिए घर लौट रहा एक व्यक्ति तूफान के कारण पानी की तेज धार में बह गया।

सतखिरा में तूफान के दौरान बचने के लिए भागते समय गिरने से एक और व्यक्ति की मौत हो गई।

ढाका के सोमोय टीवी की खबर के मुताबिक, बारिसल, भोला और चट्टोग्राम में पांच लोगों की मौत हो गयी।

वहीं मोंगला में एक ट्रॉलर डूब गया, जिससे एक बच्चा समेत दो लोग लापता हो गए।

बीडी न्यूज की खबर के अनुसार, ग्रामीण विद्युत प्राधिकरण ने ‘रेमल’ से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए तटीय क्षेत्रों में डेढ़ करोड़ लोगों के घरों की बिजली काट दी।

खबर के मुताबिक, कुछ इलाकों में बिजली की कटौती 12 घंटे से अधिक समय तक जारी रही हालांकि बिजली कर्मचारी तूफान का प्रकोप कम होने के बाद बिजली आपूर्ति बहाल करने की तैयारी में जुटे हैं।

बांग्लादेश ग्रामीण विद्युतीकरण बोर्ड के मुख्य अभियंता (योजना और संचालन) विश्वनाथ सिकदर ने बताया कि तटीय इलाकों में पूर्वाह्न नौ बजकर 45 मिनट तक तूफान का प्रभाव जारी रहा।

उन्होंने अनुमान लगाया कि प्रभावित क्षेत्रों में कुल मिलाकर लगभग डेढ़ करोड़ लोग बिजली कटौती से प्रभावित हुए।

 

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