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एम्स का शोध – देश के युवाओं में बढ़ रहा हाइपरटेंशन

 नई दिल्ली,
 अगर आप भी हाइपरटेंशन बीमारी के शिकार हैं, तो आज ही अपना चेकअप करवा लें, क्योंकि यह गंभीर बीमारी आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है।अक्‍सर देखा जाता है कि जब भी हम किसी बीमारी को लेकर डॉक्‍टर के पास जाते हैं, तो सबसे पहले हमारा ब्‍लड प्रेशर चेक किया जाता है। वर्तमान समय में लगभग हर आयु वर्ग से लोगों में हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्‍या देखने को मिल रही है। कई लोग इस समस्‍या को बड़े ही सामान्‍य तौर पर लेते हैं। शायद उन्‍हें अंदाजा भी नहीं है कि यह कितनी खतरनाक बीमारी हो सकती है। हाइपरटेंशन 'साइलेंट किलर' है, जो व्यक्ति के शरीर को अंदर ही अंदर काफी नुकसान पहुंचा सकता है।

हाइपरटेंशन से बचाव के लिए दिल्ली एम्स 'हाइपरटेंशन सप्ताह' मना रहा है, इसमें एम्स में आए मरीज और उनके परिजनों को इस घातक बीमारी के बारे में जागरूक किया जा रहा है। यह ऐसी बीमारी है, जिसे हर कोई नजरअंदाज कर देता है। लेकिन, इसके परिणाम काफी घातक हो सकते हैं।

एम्स ने शुक्रवार को हाइपरटेंशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें डॉक्टरों ने इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी।

कॉन्फ्रेंस में एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि देशभर से हाइपरटेंशन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, इसके चलते एम्‍स कई सारी योजनाएं बना रहा है। इससे आने वाले समय में लोग आसानी से हाइपरटेंशन का इलाज करवा सकेंगे। डॉक्टरों ने कहा कि हाइपरटेंशन का इलाज काफी कम खर्च में किया जा सकता है।

एक आंकड़े के मुताबिक भारत में लगभग 22 करोड़ वयस्कों को उच्च रक्तचाप है। वहीं, युवाओं में हाई बीपी की बढ़ती प्रवृत्ति देखने को मिल रही है।

मीडिया से बात करते हुए एम्‍स के सीसीएम डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ. किरण गोस्वामी ने बताया, "आज के समय में युवाओं में हाइपरटेंशन की बीमारी ज्यादा देखी जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, खाने में अधिक नमक का सेवन, शारीरिक गतिविधि की कमी, अधिक वजन, तला आहार, फल और सब्जियों का कम सेवन और तनाव जैसे कई मुख्य कारण हैं, इसके चलते हाइपरटेंशन की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है। इसके बचाव के लिए हमें अपने भोजन में हरी सब्जियां और स्वच्छ फल, धूम्रपान-तंबाकू का सेवन ना करना, अपनी जीवन शैली में व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों को शामिल करना जरूरी है। इस सबसे हाइपरटेंशन से बचा जा सकता है।''

उन्‍होंने कहा कि हाइपरटेंशन की समस्‍या 18 साल से कम आयु के बच्चों में भी देखने को मिल रही है। इसके लिए बच्‍चों के उम्र और वजन बहुत मायने रखते हैं।

एम्‍स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ. सुमित मल्होत्रा ने बताया, "17 से 25 मई तक हम हाइपरटेंशन सप्ताह मना रहे हैं। इसमें हम मरीजों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक कर रहे हैं।"

उन्होंने बताया कि इस भागदौड़ भरे जीवन में 30 साल से ऊपर के हर व्‍यक्ति को अपना ब्‍लड प्रेशर चेक करना चाहिए, ताकि पता चल सके कि आपके शरीर की क्‍या स्थिति है। भारत सरकार के गाइडलाइन में भी 30 के बाद बीपी चेक करने की सलाह जारी की गई है।

उन्‍होंने कहा, "अस्‍पताल में हाई बीपी के कई ऐसे मरीज आते हैं, जिन्‍हें तुरंत उपचार की जरूरत होती है। अगर हम पहले ही समय से अपना बीपी जांच लें तो इससे होने वाले गंभीर परिणामों से भी बचा जा सकता है। हम इसके लिए स्‍कूली स्‍तर पर भी काम कर रहे हैं।

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