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तमिलनाडु सरकार ने कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को दी आर्थिक मदद

चेन्नई
तमिलनाडु सरकार ने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के कल्याण के लिए 430 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। राज्य सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि तमिलनाडु में कोविड-19 के कारण 382 बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों, या एक को खो दिया था। बयान में कहा गया कि इस बजट में लड़कियों की सुरक्षा के लिए 219 करोड़ रुपये जारी किए गए।

राज्य सरकार ने कहा कि इन 382 बच्चों के लिए कुल 19.10 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई, जिसमें प्रत्येक को 5 लाख रुपए की राहत दी गई। यह पैसा उन्हें 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद ब्याज के साथ मिलेगा। 18 वर्ष से कम उम्र के 13,682 बच्चों के एकल माता-पिता को 3-3 लाख रुपये दिए गए। श्रीलंकाई शरणार्थियों के नौ बच्चों को भी 3-3 लाख रुपये मिले। कुल 437.46 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

बयान में कहा गया है कि सरकार द्वारा घोषित सार्वजनिक बसों में मुफ्त यात्रा के कारण दिव्यांग व्यक्ति और ट्रांसजेंडर प्रति माह 1000 रुपये बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री नाश्ता योजना से 18.50 लाख से अधिक बच्चों को लाभ हुआ है, वहीं, 'पुधुमई पेन' योजना के तहत 2.73 लाख छात्राओं को 1000 रुपये भी प्रदान किए गए।

तमिलनाडु राज्य योजना आयोग के एक अध्ययन से पता चला है कि योजना लागू होने के बाद कक्षा में बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हुई है। बयान में कहा गया है कि 9 नवंबर, 2021 को पारित आदेश के अनुसार, आंगनबाड़ियों में लगभग 25 प्रतिशत रिक्तियां विधवाओं और उनके पतियों द्वारा छोड़ी गई महिलाओं द्वारा भरी गई थीं।राज्य सरकार के मुताबिक, 1,26,637 महिलाओं को शादी के खर्च के लिए 1,047 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली थी। उनमें से 68,927 को वित्तीय मदद के साथ-साथ 8 ग्राम के सोने के सिक्के भी मिले।

सरकार की बालिकाओं की सुरक्षा की योजना से लगभग 87,501 पात्रों को लाभ हुआ। वहीं तमिलनाडु पावर फाइनेंस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले 1,43,908 पात्रों को 341.30 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

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